Saturday 4 February 2023

एक गीत -देश के लिए



अपार जनसंख्या के बावजूद आज भारत आत्मनिर्भर है और दुनिया में अपनी गौरवशाली छवि को स्थापित करने में सफल है. भारत विश्व गुरु बनने की तरफ अग्रसर है. भारत के कुशल नेतृत्व को निःसंदेह इसका श्रेय जाता है. प्रवासी भारतीयों ने भी भारत के गौरव को बढ़ाया है.हम भारतीयों को भी अपना शत प्रतिशत इस राष्ट्र के लिए योगदान करना चाहिए. राजनीति केवल सत्ता भोग और दलबदल के किये नहीं वरन जनकल्याण और राष्ट्र के उत्थान के लिए उसके गौरव और अभिमान के लिए होनी चाहिए. जय हिन्द जय भारत 

देशगान


घिरते मेघो में प्रखर सूर्य

कौपीन, माथ पर चंदन है.

अनगिन सपूत सेवक तेरे 

भारत माँ तेरा वंदन है.


अब राष्ट्र धर्म ही सर्वोपरि

भयमुक्त प्रजा, दिन खुशदिल है,

वन फूल, खेत में फसलें हैं

हर रात चाँदनी स्वप्निल है

बेटी झाँसी की रानी सी

बेटा नायक अभिनन्दन है.


सत्ता के भूखे दलबदलू

कब समझे मानस, गीता को,

रावण ने अबला नारी बस

समझा था माता सीता को,

भारत माँ तुझको शत प्रणाम

तेरी मिट्टी भी चन्दन है.


जिससे भारत का गौरव है

वह भारत का अभिमान रहे,

परिवार मुक्त हो दल सारे

हर नेता में ईमान रहे,

धृतराष्ट्र, और गांधारी के

घर शकुनि पराजय, क्रन्दन है.


जन -जन के हाथों हो मशाल

हर तिमिर ड़गर आलोकित हो,

अब मातृभूमि के चरणों में

जयचंदों का प्रायश्चित हो,

इस धरती की नदियां अमृत

इसका हर उपवन नंदन है.


सब धर्मों का आदर इसमें

सब धर्मों का सम्मान रहे,

मजहब कोई हो हर बच्चा

भारत माँ की संतान रहे,

भारत में तेरे चरण तले

बीजिंग, अमरीका, लंदन है.


यह भूमि देव ऋषि, मंत्रो की

सरयू की मंगल धारा है,

शबरी से मिलते जहाँ राम

वह भारत कितना प्यारा है,

जो भक्ति, ज्ञान का सागर है

वह कृष्ण यशोदा नंदन है 



2 comments:

आपकी टिप्पणी हमारा मार्गदर्शन करेगी। टिप्पणी के लिए धन्यवाद |

पुस्तक समीक्षा -विनम्र विद्रोही -भारती राठौड़ एवं डॉ मेहेर वान

  पुस्तक  "विनम्र विद्रोही "अद्वितीय गणितज्ञ रामानुजन  लेखक भारती राठौड़ एवं मेहेर वान  डॉ मेहेर वान और भारती राठौड़ की अभी हाल में ...