Thursday 20 October 2022

एक गीत -दीवाली पर दीप जलाता मेरा हिंदुस्तान

चित्र साभार गूगल माननीय योगी जी और माननीय प्रधानमंत्री जी 


चित्र साभार गूगल 

समस्त देशवासियों एवं प्रवासी भाइयों को प्रकाश पर्व दीपावली की बधाई और हार्दिक शुभकामनायें 

एक गीत -दीवाली पर दीप जलाता मेरा हिंदुस्तान


दीवाली पर दीप जलाता

मेरा हिंदुस्तान.

सबके दिल में रंग सजाता

मेरा हिंदुस्तान.


भाषा, बोली, और विविधता

सारे रंग समाये हैँ,

मेल -जोल के गीत यहाँ तो

बंजारे भी गाये हैँ,

जो भी इस रंग में शामिल है

उन सबका सम्मान.


ओ माटी के दीपक जलना

खेत और खलिहानों में,

घर -आँगन में उजियारा हो

उजियारा बगानों में,

जब -जब दीप जलेगा टूटेगा

तम का अभिमान.


विश्व गुरु हो भारत

जल -थल -नभ में हो खुशहाली,

पशु -पंछी सबके होठों पर

हो अमृत की प्याली,

मरुथल में भी बादल बरसे

रहे न नखलिस्तान.


सत्य सनातन, संस्कृति अपनी

इसका रंग निराला,

मंत्र, हवन, फुलझड़ियों के संग-

गेंदा, गुड़हल,माला,

हवा साथ में लिए घूमती है

चंदन, लोबान.


कवि जयकृष्ण राय तुषार

चित्र साभार गूगल 


एक लोकभाषा गीत -दीपावली

चित्र साभार गूगल 

मित्रों आप सभी को प्रकाश पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

गीत पुराना है 


एक लोकभाषा गीत -देश में अब हमेशा अजोरिया रहै 


ई चनरमा रहै ,

ना अन्हरिया रहै |

देश में हमरे 

हर दिन अजोरिया रहै |


सबके घर से अँधेरा 

मिटावै के बा ,

सबके देहरी रंगोली 

सजावै के बा ,

धूप खुलि के हंसै

ना बदरिया रहै |


झील में फूल सुन्दर 

कँवल कै खिलै ,

सब ठठाके हंसै

जब केहू से मिलै

हर सुहागन क 

चुनरी लहरिया रहै |


वीर सीमा प देशवा 

क रक्षा करैं ,

गाँव कै लोग खेती से 

अन -धन भरैं ,

गुड़ खियावत अतिथि के 

ओसरिया रहै |


पर्व -उत्सव से नाता 

न टूटै कभी ,

हाथ पकड़ीं त 

फिर -फिर न छूटै कभी ,

ई दीवाली रहै 

ई झलरिया रहै |

कवि जयकृष्ण राय तुषार

चित्र साभार गूगल 



स्मृतिशेष माहेश्वर तिवारी के लिए

  स्मृतिशेष माहेश्वर तिवारी  हिंदी गीत /नवगीत की सबसे मधुर वंशी अब  सुनने को नहीं मिलेगी. भवानी प्रसाद मिश्र से लेकर नई पीढ़ी के साथ काव्य पा...