माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार श्री नरेंद्र मोदी जी |
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Wednesday 13 October 2021
विश्व राजनेता मोदी जी
Tuesday 12 October 2021
एक ग़ज़ल -उसी के क़दमों की आहट
चित्र साभार गूगल |
मित्रों मेरी यह ग़ज़ल भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित 'हिंदी की बेहतरीन ग़ज़लें 'साझा संग्रह में प्रकाशित है |स्मृतिशेष रवीन्द्र कालिया जी और श्री ज्ञानप्रकाश विवेक जी के सम्पादन में |
श्री रवीन्द्र कालिया पूर्व निदेशक भारतीय ज्ञानपीठ |
Monday 4 October 2021
एक प्रेमगीत-अच्छा सा मौसम हो
चित्र साभार गूगल |
एक प्रेमगीत-अच्छा सा मौसम हो
शीशे की
खिड़की में
कोई तुमसा दिखता हो।
अच्छा सा
मौसम हो
कोई कविता लिखता हो।
नाव वहीं हो
गंगा-जमुना
मिली जहाँ हँसकर,
एक अजनबी
डरकर बाहों में
जकड़े कसकर,
नज़र झुकाए
कोई हँसकर
नीचे तकता हो ।
बेमौसम
बारिश हो
भींगे फूलों पर तितली,
आँखों में
काजल,सावन हो
होठों पर कजली,
झीलों में
डूबा-उतराता
सूरज दिखता हो ।
नुक्कड़-नुक्कड़
काशी
मुँह में पान दबाए हो,
कोई जुड़े में
फूलों का
लॉन सजाए हो,
अपना ही
श्रृंगार देखकर
दरपन हँसता हो ।
कवि-जयकृष्ण राय तुषार
चित्र साभार गूगल |
चित्र साभार गूगल
एक ग़ज़ल -इसी से चाँद मुक़म्मल नज़र नहीं आता
चित्र साभार गूगल एक ग़ज़ल -इसी से चाँद मुक़म्मल नज़र नहीं आता सफ़र में धुंध सा बादल, कभी शजर आता इसी से चाँद मुक़म्मल नहीं नज़र आता बताता हाल मैं ...
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