चित्र साभार गूगल |
एक ग़ज़ल -नज़र रहे तो सारी दुनिया अच्छी है
बारिश के मौसम में धूप दिखाता है
साहब को सब पी. ए. ही समझाता है
उस्तादों को चिंता अच्छी महफ़िल की
बंज़ारा हर जंगल -घाटी गाता है
नज़र रहे तो सारी दुनिया अच्छी है
काजल तो आँखों को सिर्फ़ सजाता है
हवा उड़ा ले जाती जिसको मीलों तक
उस बादल से सूरज क्यों ढक जाता है
दरबारी कवियों का रिश्ता महलों से
तुलसी का बस रामकथा से नाता है
सप्तशती में माँ का सुन्दर वर्णन है
पुत्र कुपुत्र भले हो माता -माता है
सिर्फ़ जंग में नहीं आपदा में सैनिक
सरहद से बाहर भी फ़र्ज़ निभाता है
कवि जयकृष्ण राय तुषार
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 16 फ़रवरी 2023 को लिंक की जाएगी ....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
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हार्दिक आभार आपका
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