Sunday 31 December 2023

एक गीत नववर्ष -सन 24 भी मंगल हो


चित्र साभार गूगल 


चित्र साभार गूगल 
एक गीत -गंगा जैसा मन पावन हो
आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें


सन 23 भी
रहा बहुत शुभ
सन 24 भी मंगल हो.
गंगा जैसा
मन पावन हो
सरयू जैसा निर्मल हो.

लोक कला, संगीत
और साहित्य
राष्ट्र की वाणी हो,
घर घर
सुख समृद्धि बाँटती
भारत माँ कल्याणी हो,
दूध -भात
बच्चों के मुख में
और आँख में काजल हो.

राजनीति में
शुचिता आये
कटुता से संवाद न हो,
धरती पर
वसंत की आभा
पतझर का अवसाद न हो,
माथे पर
सिंदूर प्रेम से
भरा बहू का आँचल हो.

मंदिर, मस्जिद
चर्च, पगोडा
गुरूद्वारे में फूल चढ़े,
स्वाभिमान के
साथ तिरंगा
लेकर भारत देश बढ़े,
शंखनाद, शहनाई
के संग ढोल,
मज़ीरा, मादल हो.

आँखों में
किरकिरी नहीं हो
सुन्दर दृश्य दिखाई दे,
इस समाज को
फिर से काशी
तुलसी की चौपाई दे,
फिर कबिरा
रैदास कठौती
में गंगा की हलचल हो.
कवि /गीतकार
जयकृष्ण राय तुषार 
चित्र साभार गूगल 


Saturday 30 December 2023

एक भक्ति गीत -भव्य दिव्य श्रीराम का मंदिर

चित्र साभार गूगल 

01-01-2024 दैनिक जागरण
 पुनर्नवा में प्रकाशित 



एक भक्ति गीत -प्रमुदित राम अयोध्या लौटे

प्रमुदित राम
अयोध्या लौटे
शुभ दिन है इस साल का.
भव्य दिव्य
मंदिर स्वागत में
युग बीता तिरपाल का.

कनक भवन से
दिखतीं पावन
लहरें सरयू माता की,
सूर्य रश्मियां
स्वागत में हैं
जग के भाग्य विधाता की,
यह वनवास
नहीं चौदह का
रहा हजारों साल का.

अवध पुरी की
गलियाँ गूंजे
फिर शुभ मंगल गानों से,
पुनः प्रतिष्ठित
हुआ सनातन
अनगिन तप -बलिदानों से,
रावण फिर से
हुआ पराजित
घूमा पहिया काल का.

यज्ञ हवन
वैदिक मन्त्रों से
विश्व शांति,शुभ, मंगल हो,
जहाँ शुष्क हो
धरा प्रेम की
वहाँ भक्ति का बादल हो,
खुशबू रंग
नई आभा ले
खिले कमल हर ताल का.

कवि /गीतकार
जयकृष्ण राय तुषार
चित्र साभार गूगल 




एक भक्ति गीत -सबको गले लगाते राम

चित्र साभार गूगल 


एक भक्ति गीत -सबको गले लगाते राम

राजा, रंक, भील, वंचित जन

सबको गले लगाते राम.

सुरसरि, सरयू, सागर के तट

शिव के दीप जलाते राम.


मर्यादा पुरुषोत्तम बनकर

सुख दुःख संग विष पीते हैं

वनवासी सा जीवन हँसकर

पर्वत, जंगल जीते हैं

शबरी की थाली में जूठन

प्रेम भाव से खाते राम.


परम शक्ति हैं वेद सार हैं

फिर भी निर्मल वाणी है

राम लखन के साथ जगत की

माँ सीता कल्याणी है

गुरु के सम्मुख विनय भाव से

युग युग शीश झुकाते राम.


राम सभी के सभी राम के

निर्गुण, सगुण हृदय में मिलते

कोटि प्रकाश अनंत सनातन

अष्ट कमल सा मन में खिलते 

वानर, रीच्छ, गिद्ध, वनवासी

सब पर दया दिखाते राम.


नई अयोध्या सियाराम की

जय बोलो सब पुण्य धाम की

तुलसी, हनुमत, देव ऋषि गण

समझे महिमा राम नाम की

भक्त राम का कीर्तन करते

भक्तों का गुण गाते राम.

कवि /गीतकार

जयकृष्ण राय तुषार

चित्र साभार गूगल 


Monday 25 December 2023

एक भक्ति गीत -रामलला के दर्शन को दुनिया से भक्त चले

प्रभु श्रीराम और माता सीता 

एक भक्ति गीत -मोदी जैसा भक्त सनातन को हर बार मिले 

रामलला के दर्शन को

दुनिया से भक्त चले.

सरयू की धारा में फिर से

अनगिन कमल खिले.


पुण्य अयोध्या की माटी का

कण -कण चन्दन है,

राम सिया के भक्तों का

स्वागत अभिनंदन है,

कनक भवन के आँगन में

अब युग युग दीप जले.


महावीर हनुमान राम की

कथा सुनायेंगे,

सूर्य, चन्द्रमा, देव सभी

सरयू तक आयेंगे,

मोदी जैसा भक्त सनातन को

हर बार मिले.


रामकथा ही दुनिया का

संताप मिटायेगी,

महिमा राम नाम की

ही भव पार लगायेगी,

राम सिया की भव्य आरती

होगी साँझ ढले


कवि /गीतकार

जयकृष्ण राय तुषार

प्रधानमंत्री मोदी जी 


Monday 18 December 2023

एक भक्ति गीत -राम का अवतार होगा

मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम 


प्रभु राम की महिमा पर एक नया भक्ति गीत


गगनचुम्बी

शिखर ध्वज

फिर स्वर्ग सा सम्भार होगा.

भव्य मंदिर में 

पुनः श्रीराम 

का अवतार होगा.


यज्ञ वैदिक

 मंत्र होंगे

कथा का रसपान होगा,

सजेगी सरयू

अयोध्या

महामंगल गान होगा,

भव्य संध्या

आरती में

शंख ध्वनि ओंकार होगा.


यह सनातन

ज्योति अब

निष्कम्प सदियों तक जले,

अब इसे

राक्षस न कोई

कभी माया से छले,

पवनसुत की

दृष्टि में अब

गर्भगृह हर द्वार होगा.


राम का

सौंदर्य जो 

समझे वो रामानंद है,

राम के

दो अक्षरों में

सृष्टि परमानंद है,

राम की ही

ज्योति से

फिर दिव्य यह संसार होगा.


राम के

दरबार का फिर

हर हृदय में वास होगा,

आदि कवि

के साथ फिर से

भक्त तुलसीदास होगा,

फिर सनातन

धर्म का इस

विश्व में विस्तार होगा.

कवि /गीतकार

जयकृष्ण राय तुषार



Saturday 16 December 2023

एक गीत -देवभूमि में स्वेटर बुनता एक इलाहाबाद

गीतकवि यश मालवीय जी और साथ में उनकी 
धर्मपत्नी श्रीमती आरती मालवीय जी 


यश मालवीय एक बहुत ही प्रतिष्ठित गीत कवि हैं और मेरे मित्र भी पिता भी अद्भुत कवि थे और बच्चे भी. महालेखाकर कार्यालय से सेवानिवृत होकर इस समय बेटे के पास मंडी में हैं बेटे का नाम सौम्य मालवीय पोती चिया और धर्म पत्नी श्रीमती आरती मालवीय, एक बेटा अचिंत्य मालवीय चित्रकार अन्यत्र रहता है,उन्ही को समर्पित यह गीत. सादर 

एक गीत मित्र यश मालवीय को समर्पित 

मंडी की 

निर्मल घाटी में 

खोया हर अवसाद.

देवभूमि में

स्वेटर बुनता

एक इलाहाबाद.


गंगा मन में

मगर सामने

व्यास नदी की धारा,

साथ आरती

भाभी यश के

मौसम कितना प्यारा,

ए. जी. अड्डे

की बैठक की

सिर्फ़ बची है याद.


ओले बर्फ़

गीत में होंगे

फूल, परी के किस्से,

थोड़ा थोड़ा

प्यार बँटेगा

सौम्य, चिया के हिस्से,

राग पहाड़ी

पर्वत, घाटी

छेड़े अनहद नाद.


पेड़ -परिंदे

छूटे सारे

जाने -पहचाने,

यात्राओं में

परिचित होते

रस्ते अनजाने,

क्या दिल्ली

भोपाल, बनारस

क्या होशंगाबाद.


लोकनाथ

मेंहदौरी के संग

हँसते कुल्लू -मनाली,

अंगीठी में

हाथ सेंकती

ठंडी धूप निराली,

कैनवास पर

अचिंत्य के चित्रों

से मन को आह्लाद.



कवि गीतकार

जयकृष्ण राय तुषार

(यह गीत मंडी हिमांचल में प्रवास कर रहे गीत कवि यश मालवीय के लिए )

गीत कवि यश मालवीय 

एक ग़ज़ल -रूप मौसम की तरह

चित्र साभार गूगल 



एक ग़ज़ल -रूप मौसम की तरह 

आपका रूप लगे खिलते गुलाबों की तरह
मन की सुंदरता भी है अच्छी किताबों की तरह

ज़िन्दगी दरिया सी कश्ती भी है तूफ़ान भी है
अच्छे लोगों से मुलाक़ात है ख़्वाबों की तरह

चाँद सूरज तो नहीं आप भी और हम भी नहीं
देश को कुछ तो उजाला दें चिरागों की तरह

यह जगत माया है बस ब्रह्म सनातन सच है
हम इसी दुनिया में उलझे हैं हिसाबों की तरह

कवि /शायर जयकृष्ण राय तुषार

चित्र साभार गूगल 


Friday 15 December 2023

एक देशगान -आँख मिलाता रहे तिरंगा

भारत माता 


एक देशगान -आँख मिलाता रहे तिरंगा

सावधान दिल्ली अब घर के

जयचंदों, गद्दारों से.

भारत की छवि धूमिल करते

देश विरोधी नारों से.


माली बनकर इस धरती पर

चमन बेचने वाले हैं

गाँधी की टोपी पहने कुछ

वतन बेचने वाले हैं

सजग रहो अब भेष बदलकर

आते इन हत्यारों से.


भारत की संसद पर हमला

संप्रभुता पर हमला है

भारत हिमगिर, विंध्याचल है

मत समझो यह गमला है

आँख मिलाता रहे तिरंगा

सूरज, चाँद सितारों से.


कुर्सी के लालच में उजली

खादी दाग लगाती है

जन गण मन से नफ़रत

दुश्मन का संगीत सुनाती है

भारत अपराजेय रहेगा

कह दो इन बटमारों से.


विश्व गुरु का मुकुट पहनकर

भारत खुलकर बोल रहा

हर दुश्मन के सिर पर

अपना चक्र सुदर्शन डोल रहा

भीष्म पितामह हम हैं

मरते कभी नहीं हथियारों से


कवि गीतकार

जयकृष्ण राय तुषार

तिरंगा भारत का राष्ट्रीय ध्वज 

Wednesday 13 December 2023

एक भक्ति गीत -आदि, अनंत, सनातन है जो

प्रभु श्रीराम 


एक भक्ति गीत -आदि अनंत सनातन है जो 

आदि, अनंत, सनातन है जो
जिसकी छवि अभिराम है.
यमुना जी का कृष्ण वही है
जो सरयू का राम है.

स्वर्ग से सुन्दर नई अयोध्या
भारत का यशगान बने
धर्म, सनातन की रक्षा में
हर बच्चा हनुमान बने
भव्य -दिव्य श्रीराम का मंदिर
इस युग की पहचान बने
सप्तपुरी में सबसे पावन
अवधपुरी का धाम है.

निर्गुण -सगुण वेद वाणी वह
तुलसी, कबिरा का वन्दन है
शबरी का वह  भक्ति भाव है
बाल्मीकि का अभिनंदन है
वही सृजन वह पंचतत्व है
फूलों की खुशबू चंदन है
महाज्योति वह सूर्योदय की
कीर्तन करती शाम है.

अद्भुत मंदिर स्वर्ण शिखर है
आलोकित हर ज्योति प्रखर है
सरयू का उछाह मत पूछो
राम राम लिख रही लहर है
मंगल वाद्य शंख की ध्वनि से
गुंजित बस्ती गाँव नगर है
एक एक पत्थर पर स्वास्तिक
राम लला का नाम है.

कवि /गीतकार जयकृष्ण राय तुषार 


Thursday 7 December 2023

एक भजन -रामभक्त हनुमान


जय हनुमान
चित्र साभार गूगल 
प्रयागराज के सुप्रसिद्द भजन गायक भाई रत्नेश दुबे जी के अनुरोध पर यह भजन हनुमान जी की कृपा से लिख सका हूँ. भाई रत्नेश दुबे जी भजन गायन में यशस्वी हों.

नहीं तुम्हारे जैसा कोई भक्त और भगवान 

कैसे लिखूँ तुम्हारी महिमा रामभक्त हनुमान 

राम लखन के सखा दुलारे
माँ सीता को सुत सम प्यारे
अंजनी माँ की कोख से जन्मे
पवन देव की आँख के तारे
संकट मोचन बनकर आये
तुलसीदास को मार्ग दिखाये 
रामचरित मानस की जय हो
युग युग रामकथा को गाये

जिस पर कृपा पवन सुत की हो वह सबसे बलवान.
कैसे लिखूँ तुम्हारी महिमा रामभक्त हनुमान

हे संतों के कृपा निकेतन 
ऋषियों, मुनियों के दुःख भंजन
रूद्र रूप में हुआ अवतरण 
स्वर्ग समान हो गया अंजन
जिसको गले लगाते हनुमत
उसको राम कृपा मिलती है
पवन पुत्र की क्रोध अग्नि में
सोने की लंका जलती है
रूद्र रूप में हुए प्रतिष्ठित शिव शंकर भगवान
कैसे लिखूँ तुम्हारी महिमा रामभक्त हनुमान 

राहु केतु, शनि साढ़े साती
हाथ जोड़कर करते वंदन
तन पर तेल सिंदूर की शोभा
मंगलमूर्ति केसरी नंदन
जिस घर मंदिर कथा राम की
वहाँ तुम्हारी छवि प्रणाम की
ऋषि -मुनि देव, त्रिदेव तुम्हारा करते हैं गुणगान
कैसे लिखूँ तुम्हारी महिमा रामभक्त हनुमान 

कवि जयकृष्ण राय तुषार

चित्र साभार गूगल 


Monday 4 December 2023

एक आस्था का गीत -जहाँ सबसे सुन्दर रंग स्याम


 



एक आस्था का गीत -
जहाँ सबसे सुन्दर रंग श्याम  

जहाँ वंशी गूँजे हर शाम |
किशोरी जी का जो छवि धाम 
जहाँ पर कृष्ण रूप में राम !
वही है वृन्दावन का धाम |

जहाँ भगवान भक्त के दास 
सूर ,वल्लभ ,स्वामी हरिदास ,
जहाँ राजा से रंक का मेल 
सुदामा कृष्ण का सुंदर खेल ,
जहाँ यमुना का क्रीड़ाधाम 
वही है वृन्दावन का धाम |

जहाँ बस प्रेम है द्वेष न राग 
जहाँ हर मौसम होली ,फाग ,
जहाँ फूलों में इत्र सुवास 
जहाँ उद्धव जी का परिहास ,
जहाँ संतो का सुख हरिनाम 
वही है वृन्दावन का धाम |

जहाँ गीता का अमृत पान 
गोपियों का नर्तन -मधु गान ,
जहाँ मिट जाते दुःख -संताप 
पुण्य का उदय ,अस्त हो पाप ,
है जिसके वश में माया ,काम 
वही है वृंदावन का धाम |

जहाँ गिरि गोवर्धन का मान 
इन्द्र का टूटा था अभिमान ,
जहाँ गायों का पालनहार 
जहाँ भक्तों के मोक्ष का द्वार 
जहाँ सबसे सुन्दर रंग श्याम
वही है वृन्दावन का धाम |


कवि -जयकृष्ण राय तुषार 


सभी चित्र -साभार गूगल 

स्मृतिशेष माहेश्वर तिवारी के लिए

  स्मृतिशेष माहेश्वर तिवारी  हिंदी गीत /नवगीत की सबसे मधुर वंशी अब  सुनने को नहीं मिलेगी. भवानी प्रसाद मिश्र से लेकर नई पीढ़ी के साथ काव्य पा...