श्रीमद भागवत |
ग़ज़लें
एक
हर दरिया का आंसू दिन भर पीता है
खारा जीवन सिर्फ़ समन्दर जीता है
ईश्वर का दर्शन मुश्किल पर सच ये भी
ईश्वर की ही वाणी पावन गीता है
प्यार -मोहब्बत जीवन के संघर्षों की
शरत चन्द्र की सुन्दर कृति परिणीता है
फूल,तितलियाँ,घास,परिंदे गायब हैँ
महानगर का जीवन कितना रीता है
उसकी गर्दन पर नेता की कैंची है
उदघाटन के लिए सुनहरा फीता है
चित्र साभार गूगल |
दो
धूप के चश्में से मौसम की कहानी लिखना
कितना मुश्किल है कभी रेत को पानी लिखना
लोकशाही है,न राजा , नहीं दरबार कोई
फिर भी बच्चों की कथाओं में तो रानी लिखना
जब भी तुम आये तो बरसात का मौसम था यहाँ
ये मई -जून है मेड़ों को न धानी लिखना
इसमें गंगा है,हिमालय है कई मौसम हैँ
शायरों मुल्क की तस्वीर सुहानी लिखना
जयकृष्ण राय तुषार
चित्र साभार गूगल |
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 27 अप्रैल 2022 को लिंक की जाएगी ....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
अथ स्वागतम् शुभ स्वागतम्