Tuesday, 19 April 2022

एक देशगान-हम पत्थर की पूजा करते

 

चित्र साभार गूगल

एक देशगान-हम पत्थर की पूजा करते

हम पत्थर की

पूजा करते

तुम पत्थर बरसाते।

जब हम

ताण्डव करते हैं

तब हिमगिरि भी थर्राते ।


पत्थर से

बजा विश्व में

रामसेतु का डंका,

पत्थर पर

जब अश्रु गिरे तब

जली स्वर्ण की लंका,

पत्थर के

हिमशिखरों पर

हम जनगण मन हैं गाते।


धर्म वही

अच्छा जो औरों

का भी आदर करता,

दीपक से

ईर्ष्या करने पर

रोज पतंगा मरता,

पत्थर पर ही

बैठ तपस्वी

वेद ऋचाएँ गाते।


पत्थर में भी

कला हमारी

एलोरा,एलिफेंटा,

पत्थर के

देवालय में हम

शंख,बजाते घण्टा,

हम जब

क्रोधित हों

उंगली पर गोवर्धन उठ जाते।


पत्थर की

पिंडी में रहतीं

मैहर,वैष्णव माता,

पत्थर से ही

इतिहासों का,

शिलालेख का नाता,

पत्थर से

पत्थर टकराकर

दावानल बन जाते।


पत्थर है

अनमोल बने

जब मूंगा, माणिक,हीरा,

पत्थर की

पूजा करतीं थी

ताज़ बेगम और मीरा,

मंदिर,मस्जिद

गिरिजा

पत्थर से ही नींव बनाते।

जयकृष्ण राय तुषार

चित्र साभार गूगल


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