Saturday 2 May 2020

एक देशगान -चिड़िया आँधी के आमंत्रण का कब गीत सुनाती

भारत का गौरव भारतीय वायुसेना 



एक देशगान -
चिड़िया आँधी के आमंत्रण का कब गीत सुनाती है 

मजहब नहीं 
राष्ट्र से ऊपर  
प्यारे हिन्दुस्तान है |

यह सोने की
मिट्टी इसमें
वीरों का बलिदान है ।

अपनी कला -
संस्कृति ,कुछ को 
गाथा नहीं लुभाती है ,
चिड़िया 
आँधी के आमंत्रण 
का कब गीत सुनाती है ,
हमें नर्मदा 
सरयू ,गंगा 
यमुना पर अभिमान है |

मातृभूमि की 
निंदा करते 
वस्त्र पहनते खादी का,
सोते -जगते 
स्वप्न देखते
भारत की बर्बादी का,
जिसे तिरंगे 
से नफ़रत हो 
समझो वह शैतान है |

राष्ट्र विरोधी 
खुले आम 
दुश्मन से हाथ मिलाते हैं,
भारत में 
रहकर भी 
भारत माता को धमकाते हैं
टूट गयी है 
नींद देश की 
मत समझो अनजान है |

षड्यंत्रों से 
महायुद्ध से 
कभी नहीं हम डरते हैं ,
अतिशय हो 
तो महाकाल बन 
केवल तांडव करते हैं,
अब ब्रह्मोस
हमारी ताकत
हर सैनिक भगवान है।

कवि -जयकृष्ण राय तुषार 



माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी
प्रधानमन्त्री भारत सरकार 

4 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 02 मई 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    ReplyDelete
  2. बहुत सुंदर गीत बहुत सुंदर भाव सृजन ।

    ReplyDelete

आपकी टिप्पणी हमारा मार्गदर्शन करेगी। टिप्पणी के लिए धन्यवाद |

स्मृतिशेष माहेश्वर तिवारी के लिए

  स्मृतिशेष माहेश्वर तिवारी  हिंदी गीत /नवगीत की सबसे मधुर वंशी अब  सुनने को नहीं मिलेगी. भवानी प्रसाद मिश्र से लेकर नई पीढ़ी के साथ काव्य पा...