भारत माता के वीर सपूत |
सरहद पर
बंकर में बैठा
आँख दिखाता चीन |
अपनी -अपनी
नौटंकी में
राजनीति तल्लीन |
संसद में
जब वेतन बढ़ता
सभी एक हो जाते ,
आम आदमी
के खातिर सब
नकली अश्रु बहाते ,
मजदूरों को
साँप समझकर
बजा रहे सब बीन |
दिल्ली में
दंगों की साजिश
रचे 'आप 'के प्यारे ,
और मुम्बई
में प्रमुदित हैं
संतों के हत्यारे ,
पंचवटी में
असुर राज है
खतरे में कौपीन |
मजदूरों के
बने वीडियो
दिए न दाना -पानी ,
सेनाओं से
साक्ष्य माँगते
दिल से पाकिस्तानी ,
वोट बैंक के
लिए दिखाई
देते सब ग़मगीन |
राजभोग
शहरों के खातिर
पाते गाँव बताशा ,
शहरों के खातिर
पाते गाँव बताशा ,
खबर देखना
मत टी ० वी ० पर
मत टी ० वी ० पर
है रंगीन तमाशा ,
राजगद्दियाँ
कैसे इतनी
हुई आचरणहीन |
छोड़ो यार
सियासत पहले
सरहद ,देश बचाओ ,
कोरोना को
मात मिले फिर
रघुपति राघव गाओ ,
हम तुम
मिलकर फिर खायेंगे
रसगुल्ला -नमकीन |
सियासत पहले
सरहद ,देश बचाओ ,
कोरोना को
मात मिले फिर
रघुपति राघव गाओ ,
हम तुम
मिलकर फिर खायेंगे
रसगुल्ला -नमकीन |
भारत चीन आमने -सामने |
सामयिक और सशक्त गीत।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका शास्त्री जी
Deleteबहुत बढ़िया!!
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
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