Sunday 24 May 2020

एक गीत -सरहद पर बंकर में बैठा आँख दिखाता चीन

भारत माता के वीर सपूत 
एक गीत -सरहद पर बंकर में बैठा आँख दिखाता चीन 

सरहद पर 
बंकर में बैठा 
आँख दिखाता चीन |
अपनी -अपनी 
नौटंकी में 
राजनीति तल्लीन |

संसद में 
जब वेतन बढ़ता 
सभी एक हो जाते ,
आम आदमी 
के खातिर सब 
नकली अश्रु बहाते ,
मजदूरों को 
साँप समझकर 
बजा रहे सब बीन |

दिल्ली में 
दंगों की साजिश 
रचे 'आप 'के प्यारे ,
और मुम्बई 
में प्रमुदित हैं 
संतों के हत्यारे ,
पंचवटी में 
असुर राज है 
खतरे में कौपीन |

मजदूरों के 
बने वीडियो 
दिए न दाना -पानी ,
सेनाओं से 
साक्ष्य माँगते 
दिल से पाकिस्तानी ,
वोट बैंक के 
लिए दिखाई 
देते सब ग़मगीन |

राजभोग 
शहरों के खातिर 
पाते गाँव बताशा ,
खबर देखना 
मत टी ० वी ० पर 
है रंगीन तमाशा ,
राजगद्दियाँ 
कैसे इतनी 
हुई आचरणहीन |

छोड़ो यार 
सियासत पहले 
सरहद ,देश बचाओ ,
कोरोना को 
मात मिले फिर 
रघुपति राघव गाओ ,
हम तुम 
मिलकर फिर खायेंगे 
रसगुल्ला -नमकीन |

भारत चीन आमने -सामने 


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