Wednesday, 6 May 2020

एक देशगान =उसे क्षमा क्यों जो मानवता का दुश्मन हत्यारा है


भारत माँ के वीर बलिदानी सपूत [शहीद ]


एक देशगान -
उसे क्षमा क्यों जो मानवता का दुश्मन ,हत्यारा है 

सत्य अहिंसा 
दया ,धर्म 
सब कापुरुषों का नारा है |
उसे क्षमा क्यों 
जो मानवता 
का दुश्मन ,हत्यारा है |

कब तक 
मौन तिरंगा 
ढोयेगा वीरों की लाशों को ,
खत्म करो 
लाहौर ,कराची 
दोष न दो इतिहासों को ,
गरुडों से 
जब कोई विषधर 
लड़ा हमेशा हारा है |

घर में भूंजी
भाँग नहीं 
पर हथियारों की मंडी है ,
हर दिन 
राक्षस पैदा 
करनेवाली रावलपिंडी है ,
ज्वालामुखियाँ 
बुझा दिये हम 
तू तो इक अंगारा है |

अग्नि और 
ब्रह्मोस उड़े तो 
टुकड़ों में बँट जायेगा ,
भारत माँ 
के नेत्र खुले तो 
नक्शे से मिट जायेगा ,
गिलगित 
बाल्टिस्तान 
भी लेंगे हमें जान से प्यारा है |


कैसा यह 
रमजान बहाता 
खून पड़ोसी घाटी में ,
याद नहीं अब 
कितने हैं 
बलिदान हमारी माटी में ,
फिर गीदड़ 
वाली फ़ौजों ने 
सिंहों को ललकारा है |

कवि -जयकृष्ण राय तुषार 

भारत माता के सजग प्रहरी 

6 comments:

  1. देशभक्ति के भावों से भयी आक्रोशित ओजपूर्ण अभिव्यक्ति सर।
    सादर।

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    Replies
    1. श्वेता जी आपका हृदय से आभार

      Delete
  2. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 7.5.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3694 में दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।

    धन्यवाद

    दिलबागसिंह विर्क

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका हार्दिक आभार आदरणीय |

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  3. देशप्रेम से ओतप्रोत सुन्दर गीत

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीय शास्त्री जी आपका हार्दिक आभार

      Delete

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