चित्र -साभार गूगल |
अपनी मातृभूमि भारत माता को समर्पित एक देश गीत -
एक गीत -कौन है मुल्क बता ? जैसा वतन है मेरा
अनगिनत रंग के
फूलों का चमन है मेरा |
कौन है मुल्क बता
जैसा वतन है मेरा ?
आरती ,पूजा बिना
जिसकी कोई शाम नहीं ,
पूरी दुनिया में कहीं
कृष्ण नहीं ,राम नहीं ,
इसकी खुशबू नहीं कम
हो ये जतन है मेरा |
बाइबिल ,ग्रन्थ है
कुरआन है ,गीता जिसमें ,
राम की गाथा में
हनुमान हैं ,सीता जिसमें ,
सारे रंगों को
समेटे ये गगन है मेरा ।
इसमें हर रंग के
मौसम हैं ,फ़साने कितने ,
जंगे आज़ादी ने
गाये हैं तराने कितने ,
जब तलक साँस
तिरंगे को नमन है मेरा |
सूर ,तुलसी ,नज़ीर
मीरा है रसखान यहाँ ,
पढ़के सोते हैं सभी
मीर का दीवान यहाँ ,
अहले महफ़िल के लिए
शेरो सुखन है मेरा |
पर्वतों ,घाटियों
नदियों की फ़िज़ाएँ हैं यहाँ,
मौसमी गीत
परिंदों की सदाएँ हैं यहाँ,
तितलियों ,भौरों से
आबाद चमन है मेरा |
पर्वतों ,घाटियों
नदियों की फ़िज़ाएँ हैं यहाँ,
मौसमी गीत
परिंदों की सदाएँ हैं यहाँ,
तितलियों ,भौरों से
आबाद चमन है मेरा |
साधुओं,संतों फ़रिश्तों
का ये बुतखाना है ,
जो भी भटके हैं उन्हें
प्यार से समझाना है ,
माँ के चरणों में
हरेक गीत -भजन है मेरा |
कवि -जयकृष्ण राय तुषार
चित्र -साभार गूगल |
वाह! बहुत सुंदर!
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका |
Deleteसादर नमस्कार,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शुक्रवार (01-05-2020) को "तरस रहा है मन फूलों की नई गंध पाने को " (चर्चा अंक-3688) पर भी होगी। आप भी
सादर आमंत्रित है ।
"मीना भारद्वाज"
आपका हृदय से आभार आदरणीया मीना जी |
Deleteवर्तमान परिपेक्ष्य में कालजयी रचना।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीय
Deleteसबसे न्यारा सबसे प्यारा ,भारत देश हमारा!
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका |सादर प्रणाम |
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