Tuesday 10 August 2021

एक आस्था का गीत लोकभाषा में राम कै बखान करै तुलसी कै बानी

 


एक आस्था का गीत-लोकभाषा में

सरयू माँ तोहरे संग राम कै कहानी


युग-युग तक उमर बढै

घटै नहीं पानी ।

सरयू माँ तोहरे संग

राम कै कहानी ।


राम,लखन सबके

तू गोद में खेलवलू 

जनकसुता सीता कै

माँग भी सजवलू

राम कै बखान

करै तुलसी कै बानी ।


रक्खे लू खबर मइया

सबही के प्यास कै

कइसे तू दृश्य देखि

जियलू बनवास कै

जोगी औ जोगन

होइ गएन राजा रानी।


पंचवटी,ऋष्यमूक

पग-पग भटकावै

भवसागर पार करै

जे दरसन पावै

प्रभु कै प्रसाद 

कन्दमूल और पानी ।


सबरी कै भक्ति भाव

देखि के अघइलें

राम जी कै हनुमत

सुग्रीव सखा भइलैं 

सोने के लंका कै

मिटल सब निशानी।


साधु,संत औ गृहस्थ

तोहरे तट आवै

आपन सुख-दुःख

तोहरे लहर से सुनावै

तोहईं से अन-धन ,वन

खेत औ किसानी ।

कवि-जयकृष्ण राय तुषार

चित्र साभार गूगल सरयू नदी


8 comments:

  1. सादर नमस्कार,
    आपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार (13-08-2021) को "उस तट पर भी जा कर दिया जला आना" (चर्चा अंक- 4155) पर होगी। चर्चा में आप सादर आमंत्रित हैं।
    धन्यवाद सहित।

    "मीना भारद्वाज"

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  2. बहुत ही सुन्दर...
    वाह!!!

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    1. हार्दिक आभार आपका।सादर अभिवादन

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  3. बेहद खूबसूरत

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  4. बहुत सुंदर...।

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  5. बहुत सुंदर सृजन।
    लोक भाषा का सुंदर गीत।

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    1. हार्दिक आभार आपका।सादर अभिवादन

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