चित्र साभार गूगल |
एक गीत-जंगल के फूल कहाँ जूड़े में खिलते हैं
धूप-छाँह
बारिश
हर मौसम में खिलते हैं ।
जंगल के
फूल कहाँ
जूड़े में मिलते हैं ।
इनको
झुलसाते हैं
आँधी, लू और आग,
उज्जयिनी
बोधगया
जाने ये क्या प्रयाग,
गर्द भरी
आँखों को
जब-तब ये मलते हैं ।
प्यास लगी
तो इनको
नदियों के घाट मिले,
गमले के
फूलों सा
कहाँ ठाट-बाट मिले,
आसपास
इनके कब
सगुन दिए जलते हैं ।
दूर प्रेम पत्रों से
वक्त की
किताबों से,
भरे हुए
ख़्वाब सभी
शहर के गुलाबों से,
मौसम को
गंधों के
कुर्ते ये सिलते हैं ।
कवि -जयकृष्ण राय तुषार
चित्र साभार गूगल |
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 08 अगस्त 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteआदरणीया यशोदा जी हार्दिक आभार आपका।सादर अभिवादन
Deleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (8-8-21) को "रोपिये ना दोबारा मुट्ठी भर सावन"(चर्चा अंक- 4150) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
--
कामिनी सिन्हा
आदरणीया कामिनी जी आपका हृदय से आभार।सादर अभिवादन
Deleteबहुत सुंदर।🌼
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
Deleteदूर प्रेम पत्रों से
ReplyDeleteवक्त की
किताबों से,
भरे हुए
ख़्वाब सभी
शहर के गुलाबों से,
मौसम को
गंधों के
कुर्ते ये सिलते हैं ।
सुंदर सृजन!
हार्दिक आभार पका आदरणीया मनीषा जी।सादर अभिवादन सहित।
Deleteसुंदर, सारगर्भित गीत।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका।
Delete"गमले के
ReplyDeleteफूलों सा
कहाँ ठाट-बाट मिले," - वर्तमान का यथार्थ .. भावपूर्ण शब्दचित्र ...
हार्दिक आभार आपका सिन्हा साहब
Deleteजंगल के फूलों का जूड़े तक न पहुंचना ही उचित है तुषार जी। उसका अस्तित्व, उसकी सुगंध जंगल के निमित्त ही है। वहीं खिले, वहीं झर जाए, वहीं बिखरकर विलीन हो जाए। जहाँ तक आपकी कविता का प्रश्न है, उस पर प्रतिक्रिया देना तो सूर्य को दीप दिखाने के समकक्ष ही है - सदा की भांति। अभिनन्दन स्वीकार करें।
ReplyDeleteआपका हृदय से आभार।सादर प्रणाम
Deleteप्रकृति के प्रेम का अलग का चेहरा...वाह। अनुपम रचना है खूब बधाई...
ReplyDeleteआपका हार्दिक आभार
Deleteबेहतरीन रचना।
ReplyDeleteआपका हार्दिक आभार
Deleteजंगल के फूल ,वहीं शोभायमान होते हैं ।ये तो हम सोच लेते हैं कि गमलों में ठाट बात मिलता है पौधों को लेकिन कितना सीमित दायरा होता है ।
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति ।
सादर प्रणाम।आपका हृदय से आभार
Deleteबहुत खूबसूरत वर्णन किया है
ReplyDeleteआपका हृदय से आभार।सादर अभिवादन
Deleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका।सादर नमस्कार
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