चित्र -साभार गूगल |
ईश्वर आपको पूरे मुल्क को डर ,भय और विषाद से मुक्त करे |देश का मौसम फिर से पहले जैसा हो |अनहोनी पर विराम लगे सबके घर शुभ और मंगल हो |सादर
एक गीत -बंजारा टीले पर बाँसुरी बजाए
बंजारा
टीले पर
बाँसुरी बजाए |
विद्यापति
सूरदास
मीरा बन गाए |
कच्ची हल्दी
उबटन
मेंहदी का संग रहे ,
पेड़ों पर
पात हरे
फूलों में रंग रहे ,
पचमढ़ी
शिमला
फिर यादों में आए |
मौसम फिर
पहले सा
मदभरी हवाएँ हों ,
कुछ सच्ची
कुछ झूठी
प्रेम की कथाएँ हों ,
अधखुली
किवाड़
मधुर चूड़ी खनकाए |
हुक्का -पानी
खैनी
चाँदी के पानदान ,
कोहबर के
छापे हों
खपरैलों के मकान ,
औचक ही
बैठक में
अतिथि कोई आए |
कवि -जयकृष्ण राय तुषार
लाजवाब👌
ReplyDeleteहार्दिक आभार भाई
Deleteसुंदर रचना
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
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