Sunday, 14 February 2021

एक ग़ज़ल -लिखने वाला अपने मन की प्रेम कहानी लिखता है

 

चित्र -साभार गूगल 


एक ग़ज़ल -
लिखने वाला अपने मन की प्रेम कहानी लिखता है

कोई राँझा-हीर तो कोई राधा रानी लिखता है
लिखने वाला अपने मन की प्रेम कहानी लिखता है

मीरा को भी सबने देखा अपनी-अपनी नज़रों से
कोई कहता जोगन कोई प्रेम दीवानी लिखता है

सब अपनी तकरीर में केवल बात विदेशी करते हैं
एक है तुलसीदास जो अपनी बोली-बानी लिखता है

हम दरिया के पास में बैठे कंकड़ पत्थर फेंक रहे
रेत में चलने वाला अपनी आँख में पानी लिखता है

जीवन के हर मोड़ पे अपना प्यार बदलता जाता है
सबसे पहले ख़त में बच्चा नाना-नानी लिखता है

कवि -जयकृष्ण राय तुषार

चित्र -साभार गूगल 


12 comments:

  1. प्रणय दिवस के अवसर पर सार्थक प्रस्तुति।

    ReplyDelete
  2. हम दरिया के पास में बैठे कंकड़ पत्थर फेंक रहे
    रेत में चलने वाला अपनी आँख में पानी लिखता है
    बहुत खूब!! सुन्दर सृजन के लिए आपको बहुत बहुत बधाई ।

    ReplyDelete
  3. सुन्दर भावप्रवण कविता..

    ReplyDelete
  4. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन  में" आज सोमवार 15 फरवरी 2021 को साझा की गई है.........  "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    ReplyDelete
  5. क्या कहने तुषार जी ! आपकी लेखनी में तो जादू है ।

    ReplyDelete
  6. हम दरिया के पास में बैठे कंकड़ पत्थर फेंक रहे
    रेत में चलने वाला अपनी आँख में पानी लिखता है

    वाह !!!
    बहुत सुंदर ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीया शरद जी आपका हृदय से आभार

      Delete

आपकी टिप्पणी हमारा मार्गदर्शन करेगी। टिप्पणी के लिए धन्यवाद |

एक ग़ज़ल -नया साल

  चित्र साभार गूगल  एक ग़ज़ल -आगाज़ नए साल का भगवान नया हो  मौसम की कहानी नई उनवान नया हो  आगाज़ नए साल का भगवान नया हो  फूलों पे तितलियाँ हों ब...