चित्र सभार गूगल |
एक देशगान -फिर सोने की चिड़िया कर दो
जागो हिंदुस्तान
के वीरों
जागो साधू-
संत,फ़क़ीरों
फिर सोने की
चिड़िया कर दो
प्यारे हिंदुस्तान को ।
वन्देमतरम,वन्देमातरम,वन्देमातरम्
पहचानों
दुश्मन की मंशा
साजिश और फरेबों को
वीर शिवाजी
बनकर कुचलो
सारे औरंगजेबों को,
तोड़ न पाये
सारी -दुनिया
भारत के अभिमान को ।
हिमगिर,हिमनद
सागर,नदियाँ
हरे-भरे हैँ खेत ये,
माथ लगा
मेवाड़ की मिट्टी
कितनी पावन रेत ये,
याद करो
ज़ौहर की गाथा
राणा के सम्मान को ।
झलकारी,
झाँसी की रानी
याद करो बुन्देलों को,
भगत सिंह
सुखदेव,राजगुरु
के फाँसी के खेलों को,
उधम सिंह बन
कभी न सहना
डायर के अपमान को ।
उनको माला क्यों
जिनके सम्बन्ध
रहे गद्दारों से,
ऐसी हर
तस्वीर हटा दो
संसद के गलियारों से,
सबको
मंत्र समझना होगा
जन गण मन के गान को ।
कवि जयकृष्ण राय तुषार
चित्र सभार गूगल |
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (11-05-2022) को चर्चा मंच "जिंदगी कुछ सिखाती रही उम्र भर" (चर्चा अंक 4427) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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