Monday 9 May 2022

एक देशगान -प्यारे हिन्दुस्तान को

 

चित्र सभार गूगल

एक देशगान -फिर सोने की चिड़िया कर दो


जागो हिंदुस्तान

के वीरों

जागो साधू-

संत,फ़क़ीरों

फिर सोने की 

चिड़िया कर दो

प्यारे हिंदुस्तान को ।


वन्देमतरम,वन्देमातरम,वन्देमातरम्


पहचानों 

दुश्मन की मंशा

साजिश और फरेबों को

वीर शिवाजी

बनकर कुचलो

सारे औरंगजेबों को,

तोड़ न पाये

सारी -दुनिया

भारत के अभिमान को ।


हिमगिर,हिमनद

सागर,नदियाँ

हरे-भरे हैँ खेत ये,

माथ लगा 

मेवाड़ की मिट्टी

कितनी पावन रेत ये,

याद करो 

ज़ौहर की गाथा

 राणा के सम्मान को ।


झलकारी,

झाँसी की रानी

याद करो बुन्देलों को,

भगत सिंह

सुखदेव,राजगुरु

के फाँसी के खेलों को,

उधम सिंह बन

कभी न सहना 

डायर के अपमान को ।


उनको माला क्यों

जिनके सम्बन्ध

रहे गद्दारों से,

ऐसी हर

तस्वीर हटा दो

संसद के गलियारों से,

सबको

मंत्र समझना होगा

जन गण मन के गान को ।


कवि जयकृष्ण राय तुषार

चित्र सभार गूगल


1 comment:

  1. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (11-05-2022) को चर्चा मंच     "जिंदगी कुछ सिखाती रही उम्र भर"  (चर्चा अंक 4427)     पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'    
    --

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