भारत माता |
एक ग़ज़ल -भारत माँ को समर्पित
फ़िर साफ़ करो हो गयी तस्वीर पुरानी
भारत की ये तस्वीर है गौरव की निशानी
ये कृष्ण की वंशी है सियाराम की गाथा
इस देश में अमृत सा सभी नदियों का पानी
तस्वीर ये छोटी है ये तस्वीर बढ़ा दो
कुछ और बड़ी कर दो इकहत्तर की कहानी
इस देश का की सरहद कभी इतनी न थी छोटी
इस बार बदल देना पी.ओ.के के मानी
इस मुल्क को फ़िर सोने की चिड़िया में बदल दो
कुछ रंग नया भर दो फज़ाएँ हों सुहानी
जयकृष्ण राय तुषार
माननीय प्रधानमंत्री |
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 26-05-22 को चर्चा मंच पर चर्चा - 4442 में दिया जाएगा| चर्चा मंच पर आपकी उपस्थित चर्चाकारों का हौसला बढ़ाएगी
ReplyDeleteधन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
हार्दिक आभार आपका
Deleteइस मुल्क को फ़िर सोने की चिड़िया में बदल दो
ReplyDeleteकुछ रंग नया भर दो फज़ाएँ हों सुहानी,,,,।।।बहुत सुंदर रचना,आदरणीय शुभकामनाएँ ।
हार्दिक आभार आपका. सादर अभिवादन
Deleteफ़िर साफ़ करो हो गयी तस्वीर पुरानी
ReplyDeleteभारत की ये तस्वीर है गौरव की निशानी
बहुत खूब, बेहतरीन विचारो से सुशोभित बहुत ही सुन्दर सृजन आदरणीय 🙏
हार्दिक आभार आपका. सादर प्रणाम
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