देश की आन बान शान तिरंगा |
एक देशगान -
अब यहीं बैठे गगन की गर्जना को चीर देंगे
अब नहीं
लद्दाख ,जम्मू
और हम कश्मीर देंगे|
अब यहीं बैठे
गगन की
गर्जना को चीर देंगे |
शांति के
सारे कबूतर
उड़ गए या मर गए हैं ,
सिंहनादों से
हमारे सभी
जंगल भर गए हैं ,
युद्ध में हम
बेटियों को भी
नई शमशीर देंगे |
अब पराजय
दुश्मनों की ही ,
हमारा मंत्र होगा ,
विश्व का
दीपक हमारे
देश का गणतन्त्र होगा ,
क्षमा
दुश्मन को नहीं
अब दण्ड हम गम्भीर देंगे |
इन्द्र भी
ब्रह्मोस ,राफेल
की उड़ानों से डरेंगे ,
भेदिए ,
आतंकवादी, शत्रु
सरहद पर मरेंगे ,
ढूंढ लेंगे
उन्हें जो
माँ भारती को पीर देंगे |
हरे खेतों
बाग वन में
मौन चिड़ियों की चहक हो ,
अब नहीं बारूद ,
केसर और
चन्दन की महक हो ,
शपथ लें हम
मुल्क को
अच्छी नई तस्वीर देंगे |
कवि -जयकृष्ण राय तुषार
भारत की तकदीर बहादुर बेटियाँ |
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 24 जनवरी 2021 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteशानदार।
ReplyDeleteजय हिन्द।
बहुत बढ़िया नं
ReplyDeleteबहुत सुन्दर।
ReplyDelete--
राष्ट्रीय बालिका दिवस की बधाई हो।
सुंदर प्रस्तुति.
ReplyDeleteदेशप्रेम से ओतप्रोत अति सुंदर सुंदर गीत ।
ReplyDeleteशत्रु को खरी- खरी सुनाती बहुत ही ओज भरी रचना तुषार जी |हरिओम पवार जी की रचनाएँ याद दिलाती हैं आपकी देश प्रेम की रचनाएँ |
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