Sunday 17 January 2021

एक ग़ज़ल -गमले को बोन्साई का बाज़ार चाहिए


चित्र -साभार गूगल 

एक ग़ज़ल -गमले को बोन्साई  का बाज़ार चाहिए 

गमले को बोन्साई का बाज़ार चाहिए 

जब धूप लगे पेड़ सायादार चाहिए 


घर भी बना तो उसको कहाँ चैन मिल सका 

तख्ती पे लिक्खा था किराएदार चाहिए 


विक्रम सा राजा हो तभी नवरत्न चाहिए 

राजा हो जैसा वैसा ही दरबार चाहिए 


कब तक दहेजमुक्त बनेगा समाज यह 

बहुओं पे जुर्म बेटियों को प्यार चाहिए 


मालिक भले हो झूठ -फ़रेबों के दरमियाँ 

सेवक सभी को अपना वफादार चाहिए 


नाटक की सफलताओं में ये बात जरूरी 

जैसा हो रोल वैसा ही किरदार चाहिए 


खबरों में अब मसाला ,मिलावट ,फरेब है 

फिर भी सुबह की चाय पे अख़बार चाहिए 


कर्तव्य भी हैं सबके इसी संविधान में 

लेकिन सभी को अपना बस अधिकार चाहिए 

कवि /शायर -जयकृष्ण राय तुषार 

चित्र -साभार गूगल 


19 comments:

  1. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार 18 जनवरी 2021 को 'यह सरसराती चलती हाड़ कँपाती शीत-लहर' (चर्चा अंक-3950) पर भी होगी।--
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्त्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाए।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

    #रवीन्द्र_सिंह_यादव

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  2. वाह!बहुत ही सुंदर सर।

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  3. सुन्दर प्रस्तुति.

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  4. कर्तव्य भी हैं सबके इसी संविधान में
    लेकिन सभी को अपना बस अधिकार चाहिए
    अति सुन्दर !!!

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    1. हार्दिक आभार आदरणीय मीना जी

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  5. खबरों में अब मसाला ,मिलावट ,फरेब है

    फिर भी सुबह की चाय पे अख़बार चाहिए

    वाह बेहतरीन 👌👌

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    1. आपका हृदय से आभार आदरणीया अनुराधा जी

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  6. नाटक की सफलताओं में ये बात जरूरी
    जैसा हो रोल वैसा ही किरदार चाहिए

    खबरों में अब मसाला ,मिलावट ,फरेब है
    फिर भी सुबह की चाय पे अख़बार चाहिए

    वाह !!!
    बेहतरीन ग़ज़ल ...

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    1. आदरणीय डॉ 0 शरद जी आपका हृदय से आभार

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  7. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 19 जनवरी 2021 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  8. वाह! बहुत सुंदर।

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  9. बहुत खूब तुषार जी!!नैतिक मूल्यों का आहवान करती रचना अपने आप में खास है। हार्दिक शुभकामनाएं🙏🙏

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  10. सटीक सुंदर ! बहुत सुंदर सृजन।

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