चित्र -गूगल से साभार |
जिस देश के आकाश में
फहराये तिरंगा |
शंकर की जटा से है
निकलती जहाँ गंगा |
वह देश हमारा है |
वह देश हमारा है |
वह देश हमारा है |
होती जहां शाम को
परियों की कथाएं ,
फूलों से जहां रोज
महकती हैं दिशाएं ,
ऋषियों के महाज्ञान का
जो देश पिटारा हैं |
रग -रग में जहां होली
कण -कण में दीवाली
होती है जहां ईद की भी
शान निराली ,
क्रिसमस के खिलौनों से
जिसे रब ने संवारा है |
मौसम के इशारे पे
जहां गीत बदलते ,
भगवान भी जिस देश में
वंशी ले मचलते ,
जिस देश के पांवों तले
सागर का किनारा है |
जिस देश ने दुनियां को
दिया शांति के माने
जिस देश ने गाया है
अहिंसा के ही गाने ,
बापू ने जिसे खून -
पसीने से संवारा है |
पसीने से संवारा है |
चित्र -गूगल से साभार |
रग-रग में जहां होली
ReplyDeleteकण-कण में दीवाली
होती है जहां ईद की भी
शान निराली,
क्रिसमस के खिलौनों से
जिसे रब ने संवारा है ।
अनेकता में एकता हमारे देश की पहचान है।
देशभक्ति से ओत-प्रोत सुंदर गीत।
desh to hamara hai ... per !!!
ReplyDeleteसदा सुहाये देश हमारा।
ReplyDeleteमौसम के इशारे पे
ReplyDeleteजहां गीत बदलते ,
भगवान भी जिस देश में
वंशी ले मचलते ,
जिस देश के पांवों तले
सागर का किनारा है |
_____________________________
अच्छा गीत है।
जिस देश ने दुनियां को
ReplyDeleteदिया शांति के माने
जिस देश ने गाया है
अहिंसा के ही गाने ,
बापू ने जिसे खून -
पसीने से संवारा है |
Bahut hee sundar!
Swatantrata Diwas kee dheron badhayee!
देश के प्रति समर्पण के भावों से भरी इस सुन्दर रचना के लिए हार्दिक शुभकामनायें...
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
देश प्रेम से ओत प्रोत कविता... बहुत बढ़िया...
ReplyDeleteप्यारा देश है अपना ..पर देश को चलाने वाले कैसे हैं ?
ReplyDeleteकुछ बात तो है...जो हस्ती मिटती नहीं...जब सारी दुनिया सिर्फ जीने की सोच रही थी...तब यहाँ ज्ञान की ख़ोज चल रही थी...
ReplyDeleteसंगीता जी आपके प्रश्न का उत्तर अगली कविता में मिलेगा |
ReplyDeleteसंगीता जी आपके प्रश्न का उत्तर अगली कविता में मिलेगा |
ReplyDeleteप्यारा गीत ....स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteसबसे प्यारा देश हमारा ....
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की शुभकानाएं
ReplyDeleteनीरज
bhaut hi sundar... jai hind...
ReplyDelete