Thursday 21 July 2022

एक गीतिका -महामाहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी के लिए

महामाहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी 


भारत के इतिहास में आज अविस्मरणीय दिन होगा जब समाज के सबसे पिछड़े तबके की एक स्त्री भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन होगी जिसे भारत में महामहिम राष्ट्रपति कहा जाता है. धन्य हैं मोदी जी जिन्होंने समाज के हर वर्ग को सम्मान दिया.

एक गीतिका


धुंध में जलते दिए की सूर्य बनने की कहानी

द्रौपदी मुर्मू तुम्हारे स्वागतम में राजधानी


भारतीय इतिहास स्त्री मान की यह स्वर्ण बेला

फिर शिलालेखों में लिखना लोक की यह सत्यबानी


एक वन की नदी कैसे बन गयी है महासागर

आदिवासी लाडली अब हो गयी दुर्गा भवानी


मौसमों का दंश वह बनफूल बन सहती रही

रास्तों में हमसफ़र थे धूप, बारिश, आग -पानी 


श्रेष्ठ भारत भूमि यह जिसमें सभी का मान है

धन्य हैं मोदी कि जिसने तोड़ दी जड़ता पुरानी


जयकृष्ण राय तुषार

13 comments:

  1. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शुक्रवार 22 जुलाई 2022 को 'झूला डालें कहाँ आज हम, पेड़ कट गये बाग के' (चर्चा अंक 4498) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। 12:01 AM के बाद आपकी प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।

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  2. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल शनिवार (23-07-2022) को चर्चा मंच    "तृषित धरणी रो रही"  (चर्चा अंक 4499)     पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'   

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  3. चिर संघर्ष की सुखद अनुभूति है श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी की महामहिम राष्ट्रपति बनने की यात्रा। सच में यह भारत के इतिहास का यह अविस्मरणीय रहेगा, जब समाज के सबसे पिछड़े तबके की एक स्त्री भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन होगी जिसे भारत में महामहिम राष्ट्रपति कहा जाता है।

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    1. हार्दिक आभार आपका. सादर प्रणाम

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  4. आदरणीय द्रौपदी मुर्मू जी के हमारी नई महामहिम चुने जाने के उपलक्ष्य में लिखी सुंदर गीतिका । बधाई और शुभकामनाएं।

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    1. हार्दिक आभार आपका. सादर अभिवादन

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  5. एक वन की नदी कैसे बन गयी है महासागर

    आदिवासी लाडली अब हो गयी दुर्गा भवानी
    वाह!!!!
    बहुत ही सुन्दर एवं प्रेरक.सृजन वाकई गर्व की बात है
    तमाम विसंगतियों को पार कर आज महामहिम अपने उचित स्थान पर
    लाजवाब सृजन आपका ।

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    1. हार्दिक आभार आपका. सादर अभिवादन

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  6. बहुत अच्छा विनम्र स्वागत महामहिम का ।

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    1. हार्दिक आभार आपका. सादर प्रणाम

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  7. वाह!बहुत ही सुंदर सृजन सर।
    सादर

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