Thursday, 21 July 2022

एक लोकभाषा कविता -भ्रष्टाचारी सत्याग्रह में



एक सामयिक भोजपुरी कविता


भ्रष्टाचारी सत्याग्रह में

खादी चोला गान्ही जी.

का एनकर क़ानून अलग हौ

सच सच बोला गान्ही जी.


चीन -पाक से यारी एनकर

खतरनाक मंसूबा हौ

सत्ता गईल ई तब्बो समझै

भारत एनकर सूबा हौ

का ई नेता खइले हउवन

भाँग क गोला गान्ही जी.


ना एनके हौ राम से मतलब

ना कान्हा औ गोपी जी

सत्तर साल से तुष्टिकरण कै

सर पर रखलें टोपी जी

ईडी देखिके फटल हौ

इनके पेट में गोला गान्ही जी.


10 जनपथ से ईडी दफ़्तर तक

ई कवन तमाशा हौ

संविधान में सबै बराबर

ना ई फुटल बताशा हौ

कहाँ लिखल हौ कोर्ट -कचहरी

हल्ला बोला गान्हीं जी


जनता समझै सबकर करनी

समझै का -का खेला हौ

अपने अपने लाभ के ख़ातिर

जंतर मंतर मेला हौ

टोना टोटका रानी के दरबार में

होला गान्ही जी 




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