गीत-राम का जयगान करती दीपमाला है
राम का
जयगान
करती दीपमाला है ।
यह सनातन
धर्म का
अप्रतिम उजाला है ।
कर रही
श्रृंगार सरयू
चमक आँखों में,
फूल में
खुशबू,हरापन
दग्ध शाखों में,
एक अनहद
नाद के
स्वर में शिवाला है ।
हँस रही
सारी अयोध्या
रात चन्दन है,
सिया के
प्रिय राम जी का
आज वन्दन है,
विष्णु के
अवतार का
हर रंग निराला है ।
देव ऋषिआम
गन्धर्व
जिसकी वंदना करते,
वही केवट
से विनयवत
याचना करते,
राम का
दो शब्द ही
अमृत का प्याला है।
जयकृष्ण राय तुषार
बहुत सुंदर
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
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