Wednesday, 3 November 2021

एक गीत-राम का जयगान करती दीपमाला है

 


गीत-राम का जयगान करती दीपमाला है


राम का

जयगान 

करती दीपमाला है ।

यह सनातन

धर्म का

अप्रतिम उजाला है ।


कर रही

श्रृंगार सरयू

चमक आँखों में,

फूल में

खुशबू,हरापन

दग्ध शाखों में,

एक अनहद

नाद के

स्वर में शिवाला है ।


हँस रही

सारी अयोध्या

रात चन्दन है,

सिया के

प्रिय राम जी का

आज वन्दन है,

विष्णु के

अवतार का

हर रंग निराला है ।


देव ऋषिआम

गन्धर्व

जिसकी वंदना करते,

वही केवट

से विनयवत 

याचना करते,

राम का

दो शब्द ही

अमृत का प्याला है।


जयकृष्ण राय तुषार



2 comments:

आपकी टिप्पणी हमारा मार्गदर्शन करेगी। टिप्पणी के लिए धन्यवाद |

सूबेदार मेज़र हरविंदर सिंह जी से आत्मीय मुलाक़ात और पुस्तक भेंट

 भारतीय सेना विश्व की सबसे अनुशासित और बहादुर सेना है. भारत ही नहीं इस सेना के त्याग और बलिदान की गाथा समूचे विश्व में गुंजायमान है. भारत की...