सभी को दीपावली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं
एक गीत-ज्योति जो जलती रहे वो दिया श्रीराम का हो
घर का
दीपक हो या
सरयू के पुण्य धाम का हो ।
ज्योति जो
जलती रहे वो
दिया प्रभु श्रीराम का हो ।
अब न वनवास हो
माँ सीता का
अपमान न हो,
आसुरी
शक्तियों का
देश मे गुणगान न हो,
शंख ध्वनि
मंत्रों से स्वागत
अब सुबह-शाम का हो ।
राम तो सबके
हैं जन-जन के
हैं सुखदायी हैं,
पुत्र हैं राजा हैं
वनवासी
मित्र,भाई हैं,
भक्त हनुमान से
कीर्तन हो
तो प्रभु नाम का हो ।
जयकृष्ण राय तुषार
जी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार(०४-११-२०२१) को
'चलो दीपक जलाएँ '(चर्चा अंक-४२३७) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
हार्दिक आभार आपका
Deleteसुंदर रचना
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
Deleteसभी के लिए दीप पर्व मंगलमय हो|सुंदर रचना|
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
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