Thursday, 7 December 2023

एक भजन -रामभक्त हनुमान


जय हनुमान
चित्र साभार गूगल 
प्रयागराज के सुप्रसिद्द भजन गायक भाई रत्नेश दुबे जी के अनुरोध पर यह भजन हनुमान जी की कृपा से लिख सका हूँ. भाई रत्नेश दुबे जी भजन गायन में यशस्वी हों.

नहीं तुम्हारे जैसा कोई भक्त और भगवान 

कैसे लिखूँ तुम्हारी महिमा रामभक्त हनुमान 

राम लखन के सखा दुलारे
माँ सीता को सुत सम प्यारे
अंजनी माँ की कोख से जन्मे
पवन देव की आँख के तारे
संकट मोचन बनकर आये
तुलसीदास को मार्ग दिखाये 
रामचरित मानस की जय हो
युग युग रामकथा को गाये

जिस पर कृपा पवन सुत की हो वह सबसे बलवान.
कैसे लिखूँ तुम्हारी महिमा रामभक्त हनुमान

हे संतों के कृपा निकेतन 
ऋषियों, मुनियों के दुःख भंजन
रूद्र रूप में हुआ अवतरण 
स्वर्ग समान हो गया अंजन
जिसको गले लगाते हनुमत
उसको राम कृपा मिलती है
पवन पुत्र की क्रोध अग्नि में
सोने की लंका जलती है
रूद्र रूप में हुए प्रतिष्ठित शिव शंकर भगवान
कैसे लिखूँ तुम्हारी महिमा रामभक्त हनुमान 

राहु केतु, शनि साढ़े साती
हाथ जोड़कर करते वंदन
तन पर तेल सिंदूर की शोभा
मंगलमूर्ति केसरी नंदन
जिस घर मंदिर कथा राम की
वहाँ तुम्हारी छवि प्रणाम की
ऋषि -मुनि देव, त्रिदेव तुम्हारा करते हैं गुणगान
कैसे लिखूँ तुम्हारी महिमा रामभक्त हनुमान 

कवि जयकृष्ण राय तुषार

चित्र साभार गूगल 


4 comments:

  1. आपके इस भक्ति-गीत की प्रथम दो पंक्तियां ही मानो सब कुछ समझा देती हैं तुषार जी। मैं भी अपने जीवन में हनुमान-भक्त रहा हूँ। मेरे लिए तो आपकी यह अति-प्रशंसनीय रचना विशिष्ट महत्व रखती है। असीमित आभार एवं बारंबार अभिनंदन आपका।

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    1. हार्दिक आभार भाई साहब. सादर प्रणाम

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  2. बहुत सुन्दर

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  3. हार्दिक आभार आपका. सादर अभिवादन

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