Friday, 15 December 2023

एक देशगान -आँख मिलाता रहे तिरंगा

भारत माता 


एक देशगान -आँख मिलाता रहे तिरंगा

सावधान दिल्ली अब घर के

जयचंदों, गद्दारों से.

भारत की छवि धूमिल करते

देश विरोधी नारों से.


माली बनकर इस धरती पर

चमन बेचने वाले हैं

गाँधी की टोपी पहने कुछ

वतन बेचने वाले हैं

सजग रहो अब भेष बदलकर

आते इन हत्यारों से.


भारत की संसद पर हमला

संप्रभुता पर हमला है

भारत हिमगिर, विंध्याचल है

मत समझो यह गमला है

आँख मिलाता रहे तिरंगा

सूरज, चाँद सितारों से.


कुर्सी के लालच में उजली

खादी दाग लगाती है

जन गण मन से नफ़रत

दुश्मन का संगीत सुनाती है

भारत अपराजेय रहेगा

कह दो इन बटमारों से.


विश्व गुरु का मुकुट पहनकर

भारत खुलकर बोल रहा

हर दुश्मन के सिर पर

अपना चक्र सुदर्शन डोल रहा

भीष्म पितामह हम हैं

मरते कभी नहीं हथियारों से


कवि गीतकार

जयकृष्ण राय तुषार

तिरंगा भारत का राष्ट्रीय ध्वज 

2 comments:

  1. भारत की संसद पर हमला

    संप्रभुता पर हमला है

    भारत हिमगिर, विंध्याचल है

    मत समझो यह गमला है

    बहुत ही सुंदर हृदयस्पर्शी सृजन आदरणीय ,भारत माता को सत-सत नमन,सादर

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    Replies
    1. आपको सादर प्रणाम. आपका हृदय से आभार

      Delete

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