एक आस्था का गीत -
जहाँ सबसे सुन्दर रंग श्याम
जहाँ वंशी गूँजे हर शाम |
किशोरी जी का जो छवि धाम
जहाँ पर कृष्ण रूप में राम !
वही है वृन्दावन का धाम |
जहाँ भगवान भक्त के दास
सूर ,वल्लभ ,स्वामी हरिदास ,
जहाँ राजा से रंक का मेल
सुदामा कृष्ण का सुंदर खेल ,
जहाँ यमुना का क्रीड़ाधाम
वही है वृन्दावन का धाम |
जहाँ बस प्रेम है द्वेष न राग
जहाँ हर मौसम होली ,फाग ,
जहाँ फूलों में इत्र सुवास
जहाँ उद्धव जी का परिहास ,
जहाँ संतो का सुख हरिनाम
वही है वृन्दावन का धाम |
जहाँ गीता का अमृत पान
गोपियों का नर्तन -मधु गान ,
जहाँ मिट जाते दुःख -संताप
पुण्य का उदय ,अस्त हो पाप ,
है जिसके वश में माया ,काम
वही है वृंदावन का धाम |
जहाँ गिरि गोवर्धन का मान
इन्द्र का टूटा था अभिमान ,
जहाँ गायों का पालनहार
जहाँ भक्तों के मोक्ष का द्वार
जहाँ सबसे सुन्दर रंग श्याम
वही है वृन्दावन का धाम |
कवि -जयकृष्ण राय तुषार
आपका गीत अति-सुंदर एवं मनभावन है आदरणीय तुषार जी। मैं एक बार जीवन में गोकुल-वृन्दावन गया था सपरिवार किन्तु वह यात्रा आशाओं एवं अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रही। प्रायः मन में सच्ची श्रद्धा लेकर जाने वाले भक्तों को तीर्थस्थलों पर निराशा ही प्राप्त होती है। अतः (सम्भवतः) उत्तम यही है कि अपने मन में ही उस धाम की छवि को संजोकर प्रभु का स्मरण करें। वह कल्पना उस कटु यथार्थ से कहीं श्रेष्ठ होती है जिसका साक्षात् एक सच्चे भक्त के मन को पीड़ा से भर देता है। मन में सूर, वल्लभ एवं स्वामी हरिदास के वृन्दावन की स्मृति को प्रस्फुटित कर देने वाले इस गीत हेतु अनेकानेक आभार एवं अभिनंदन आपका।
ReplyDeleteहार्दिक आभार भाई साहब. आप पर ईश्वर की कृपा बनी रहे. कभी कभी ईश्वर के दरबार में भी निराशा मिलती है लेकिन कवि आशावादी होता है. उम्मीद ही जीवन है. सादर अभिवादन
Deleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" बुधवार 06 दिसम्बर 2023 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
Deleteसुन्दर गीत
ReplyDeleteआपका हृदय से आभार
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