Saturday, 16 December 2023

एक ग़ज़ल -रूप मौसम की तरह

चित्र साभार गूगल 



एक ग़ज़ल -रूप मौसम की तरह 

आपका रूप लगे खिलते गुलाबों की तरह
मन की सुंदरता भी है अच्छी किताबों की तरह

ज़िन्दगी दरिया सी कश्ती भी है तूफ़ान भी है
अच्छे लोगों से मुलाक़ात है ख़्वाबों की तरह

चाँद सूरज तो नहीं आप भी और हम भी नहीं
देश को कुछ तो उजाला दें चिरागों की तरह

यह जगत माया है बस ब्रह्म सनातन सच है
हम इसी दुनिया में उलझे हैं हिसाबों की तरह

कवि /शायर जयकृष्ण राय तुषार

चित्र साभार गूगल 


16 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" रविवार 17 दिसम्बर 2023 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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    1. हार्दिक आभार आपका सादर अभिवादन

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  2. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" रविवार 17 दिसम्बर 2023 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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    1. आपका हृदय से आभार. सादर प्रणाम

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  3. सुन्दर रचना

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  4. आहा ... हर शेर लाजवाब है गज़ल का ...

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    1. हार्दिक आभार भाई साहब. सादर अभिवादन

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  5. खूबसूरत ग़ज़ल।

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  6. खूबसूरत सृजन!

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  7. वाह! बहुत खूब, लाजवाब

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    1. आपका हृदय से आभार. सादर अभिवादन रूपा जी

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