मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम |
प्रभु राम की महिमा पर एक नया भक्ति गीत
गगनचुम्बी
शिखर ध्वज
फिर स्वर्ग सा सम्भार होगा.
भव्य मंदिर में
पुनः श्रीराम
का अवतार होगा.
यज्ञ वैदिक
मंत्र होंगे
कथा का रसपान होगा,
सजेगी सरयू
अयोध्या
महामंगल गान होगा,
भव्य संध्या
आरती में
शंख ध्वनि ओंकार होगा.
यह सनातन
ज्योति अब
निष्कम्प सदियों तक जले,
अब इसे
राक्षस न कोई
कभी माया से छले,
पवनसुत की
दृष्टि में अब
गर्भगृह हर द्वार होगा.
राम का
सौंदर्य जो
समझे वो रामानंद है,
राम के
दो अक्षरों में
सृष्टि परमानंद है,
राम की ही
ज्योति से
फिर दिव्य यह संसार होगा.
राम के
दरबार का फिर
हर हृदय में वास होगा,
आदि कवि
के साथ फिर से
भक्त तुलसीदास होगा,
फिर सनातन
धर्म का इस
विश्व में विस्तार होगा.
कवि /गीतकार
जयकृष्ण राय तुषार
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका. जय श्रीराम
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