प्रभु श्रीराम |
एक भक्ति गीत -आदि अनंत सनातन है जो
आदि, अनंत, सनातन है जो
जिसकी छवि अभिराम है.
यमुना जी का कृष्ण वही है
जो सरयू का राम है.
स्वर्ग से सुन्दर नई अयोध्या
भारत का यशगान बने
धर्म, सनातन की रक्षा में
हर बच्चा हनुमान बने
भव्य -दिव्य श्रीराम का मंदिर
इस युग की पहचान बने
सप्तपुरी में सबसे पावन
अवधपुरी का धाम है.
निर्गुण -सगुण वेद वाणी वह
तुलसी, कबिरा का वन्दन है
शबरी का वह भक्ति भाव है
बाल्मीकि का अभिनंदन है
वही सृजन वह पंचतत्व है
फूलों की खुशबू चंदन है
महाज्योति वह सूर्योदय की
कीर्तन करती शाम है.
अद्भुत मंदिर स्वर्ण शिखर है
आलोकित हर ज्योति प्रखर है
सरयू का उछाह मत पूछो
राम राम लिख रही लहर है
मंगल वाद्य शंख की ध्वनि से
गुंजित बस्ती गाँव नगर है
एक एक पत्थर पर स्वास्तिक
राम लला का नाम है.
कवि /गीतकार जयकृष्ण राय तुषार
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