मेरा सद्यः प्रकाशित तृतीय गीत संग्रह मेड़ों पर वसन्त अमेज़ॉन पर भी बिक्री हेतु उपलब्ध है।सादर ।आप सभी का दिन शुभ हो
कवि /गीतकार -जयकृष्ण राय तुषार
प्रकाशक -साहित्य भण्डार ,प्रयागराज उत्तर प्रदेश
सजिल्द मूल्य ४००
पेपरबैक - २००
(कृपया बिना अनुमति के इस ब्लॉग में प्रकाशित किसी भी अंश का किसी भी तरह से उपयोग न करें)
चित्र साभार गूगल चित्र साभार गूगल एक ताज़ा गीत -लहरें गिनना भूल गए झीलों में पत्थर उछालकर लहरें गिनना भूल गए. अपने मन की आवाज़ों को कैसे ...
नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (31-01-2022 ) को 'लूट रहे भोली जनता को, बनकर जन-गण के रखवाले' (चर्चा अंक 4327) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। 12:01 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।
चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।
यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
आपका हृदय से आभार।सादर अभिवादन
Deleteहार्दिक बधाई आदरणीय सर।
ReplyDeleteसादर
आपका हृदय से आभार
Deleteहार्दिक बधाई आपको अफने गीत संग्रह के लिए एवं शुभकामना आदरणीय आपकी पुस्तक की सफलता के लिए।
ReplyDeleteसादर।
हार्दिक आभार आपका
Deleteबहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!
ReplyDeleteआपका हृदय से आभार ।सादर अभिवादन
Deleteहार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteआपका हृदय से आभार।सादर अभिवादन
Deleteहार्दिक शुभकामनाएँ 💐💐💐💐
ReplyDeleteआपका हृदय से आभार।सादर अभिवादन शुभा जी
Deleteबहुत बधाई आदरणीय सर ।
ReplyDeleteआपका हृदय से आभार भाई साहब
Deleteबहुत बहुत बधाई आदरणीय सर । आपकी किताब नए कीर्तिमान स्थापित करे, मेरी हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐
ReplyDeleteआपका हृदय से आभार।सादर अभिवादन
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