चित्र साभार गूगल |
एक ग़ज़ल-मौसम अच्छा धूप गुलाबी
मौसम अच्छा धूप गुलाबी क्या दूँ इसको नाम
राधा कृष्ण कहूँ या इसको लिख दूँ सीताराम
चन्दन की खुशबू में लिपटे दीपक यादों के
रामचरितमानस को लेकर बैठी दूल्हन शाम
भींगे पंखों वाली तितली लिपटी फूलों से
मौसम आया फूल तोड़ने करके चारो धाम
हरी दूब पर ओस फैलते रंग महावर के
कत्थक की मुद्रा में कोई करता रहा प्रणाम
सम्बोधन के बिना चिट्ठियां लिखता कौन भला
रिश्तों को भी देना पड़ता है अच्छा सा नाम
कवि-शायर जयकृष्ण राय तुषार
चित्र साभार गूगल |
सुन्दर गीत
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
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