Friday 2 April 2021

एक गीत -रामराज्य की तस्वीरों में रंग अभी भी भरना है

चित्र -साभार गूगल 

 


एक गीत -
रामराज्य की तस्वीरों में रंग अभी भी भरना है 

रामराज्य की 
तस्वीरों में रंग 
अभी भी भरना है |

अभी नींव की 
ईंट रखी है 
अभी मंगलाचरण हुआ है ,
अभी राम के 
पुण्य धाम का 
दुनिया को स्मरण हुआ है ,
अभी कलश में 
सरयू जी के 
पावन जल को भरना है |

सिंहासन पर 
संत विराजे 
साथ में गोरखबानी है ,
यज्ञ धूम 
संध्या वंदन से 
बोझिल शाम सुहानी है ,
भारत माँ के
अभिनन्दन में 
शंखनाद भी करना है |

अभी हवा में 
ब्रहमकमल की
खुशबू थोड़ी महकी है ,
अभी डाल पर 
सोने की चिड़िया 
थोड़ी सी चहकी है ,
अभी व्यास से 
रिक्त गुफ़ाओं 
का खालीपन भरना  है |

अभी आसुरी 
लंकाओं की 
काया को जलना होगा ,
पंचवटी में 
माया मृग को 
माया से छलना होगा ,
जो भी है 
मारीचि, राम के 
हाथ उसे भी मरना है |
कवि -जयकृष्ण राय तुषार 
चित्र -साभार गूगल 


18 comments:

  1. बहुत सुन्दर

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (04-04-2021) को   "गलतफहमी"  (चर्चा अंक-4026)    पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    --  
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ-    
    --
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
    --

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    Replies
    1. हार्दिक आभार आपका आदरणीय

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  3. रामराज्य की सुंदर कल्पना साकार हो,आपका गीत बहुत ही मधुर और मनभावन है,बहुत शुभकामनाएं ।

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    1. हार्दिक आभार आपका |सादर अभिवादन |

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  4. बेहतरीन गीत आदरणीय।

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    Replies
    1. हार्दिक आभार आपका |सादर अभिवादन |

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  5. बहुत सुंदर वाकई अभी बहुत कुछ करना है।

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  6. रामराज्य की संकल्पना को अभी भूमि पर उतारना शेष है

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  7. राम दरबार को नमन करता भावपूर्ण गीत तुषार जी। हर एक आँख उधर ही लगी है🙏🙏

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    1. हार्दिक आभार आपका आदरणीया रेणु जी

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  8. वास्तव में आप गीत गजल दोनों ही बहुत सुन्दर लिख रहे हैं । बधाई शुभ कामनाएं दोनों ।

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    Replies
    1. हार्दिक आभार आपका ।सादर प्रणाम

      Delete

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