चित्र -साभार गूगल |
एक गीत -
रामराज्य की तस्वीरों में रंग अभी भी भरना है
रामराज्य की
तस्वीरों में रंग
अभी भी भरना है |
अभी नींव की
ईंट रखी है
अभी मंगलाचरण हुआ है ,
अभी राम के
पुण्य धाम का
दुनिया को स्मरण हुआ है ,
अभी कलश में
सरयू जी के
पावन जल को भरना है |
सिंहासन पर
संत विराजे
साथ में गोरखबानी है ,
यज्ञ धूम
संध्या वंदन से
बोझिल शाम सुहानी है ,
भारत माँ के
अभिनन्दन में
शंखनाद भी करना है |
अभी हवा में
ब्रहमकमल की
खुशबू थोड़ी महकी है ,
अभी डाल पर
सोने की चिड़िया
थोड़ी सी चहकी है ,
अभी व्यास से
रिक्त गुफ़ाओं
का खालीपन भरना है |
अभी आसुरी
लंकाओं की
काया को जलना होगा ,
पंचवटी में
माया मृग को
माया से छलना होगा ,
जो भी है
मारीचि, राम के
हाथ उसे भी मरना है |
कवि -जयकृष्ण राय तुषार
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (04-04-2021) को "गलतफहमी" (चर्चा अंक-4026) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ-
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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हार्दिक आभार आपका आदरणीय
Deleteबहुत मनभावन गीत
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
Deleteरामराज्य की सुंदर कल्पना साकार हो,आपका गीत बहुत ही मधुर और मनभावन है,बहुत शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका |सादर अभिवादन |
Deleteबेहतरीन गीत आदरणीय।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका |सादर अभिवादन |
Deleteबहुत सुंदर वाकई अभी बहुत कुछ करना है।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
Deleteरामराज्य की संकल्पना को अभी भूमि पर उतारना शेष है
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
Deleteराम दरबार को नमन करता भावपूर्ण गीत तुषार जी। हर एक आँख उधर ही लगी है🙏🙏
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका आदरणीया रेणु जी
Deleteवास्तव में आप गीत गजल दोनों ही बहुत सुन्दर लिख रहे हैं । बधाई शुभ कामनाएं दोनों ।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका ।सादर प्रणाम
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