चित्र साभार गूगल |
मित्रों ! यह गीत नहीं वरन आप सभी के कुशल क्षेम के लिए ईश्वर से प्रार्थना है |
एक गीत -
फूँक दो फिर शंख मौसम बंद कानों में
फूँक दो फिर
शंख मौसम
बंद कानों में |
महामारी
हँस रही
बैठी मसानों में |
बहो माँ
भागीरथी
संजीवनी लेकर ,
स्वस्ति वाचन
करेंगे हम
अर्घ्य फिर देकर ,
अभय हो
जाएँ हिरण
फिर बियाबानों में |
घाटियाँ
महकें
सुहागिन सांध्य बेला हो ,
छन्न से
यह तिमिर टूटे
पथ उजेला हो ,
तितलियों के
पंख
मत काटो उड़ानों में |
प्रकृति का
सौंदर्य
जल ,बादल हमें दे दो ,
पर्व ,उत्सव
गीत और
मादल हमें दे दो ,
भींगना है
अभी बारिश
हरे धानों में |
प्रलय रोको
अभी बेला
खिल रही होगी ,
गले चम्पा से
विहँसकर
मिल रही होगी ,
अभी
जीवन राग
बाकी है पियानों में |
कवि -जयकृष्ण राय तुषार
जय मां हाटेशवरी.......
ReplyDeleteआप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
20/04/2021 मंगलवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में. .....
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
https://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
हार्दिक आभार आपका
Deleteभावपूर्ण अभिव्यक्ति । अब तो मसानों में भी जगह नहीं मिल रही ।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका |उम्मीद पर दुनिया कायम है |सादर प्रणाम
Deleteफूँक दो फिर
ReplyDeleteशंख मौसम
बंद कानों में |
महामारी
हँस रही
बैठी मसानों में |
आपकी प्रार्थना स्वीकार हो,परमात्मा अपनी कृपादृष्टि डालें हम पर,
सभी स्वस्थ रहें ,सुरक्षित रहे
आपका हृदय से आभार |आप सदैव हँसती मुस्कुराती रहें घर -परिवार में कुशल मंगल रहे
Deleteवाह वाह तुषार जी! मन को विजित कर लेने वाला गीत रचा है आपने। सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया, सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुख भागभवेत।
ReplyDeleteसर आपका हृदय से आभार |आपका स्वास्थ्य उत्तम रहे घर परिवार में कुशल मंगल रहे |
Deleteआदरणीय सर,
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर प्रार्थना भगवान जी से सब के सुख और स्वास्थ की। पढ़ कर बहुत आनंद आया । सच , भगवान जी जल्दी से यह महामारी ले जाएँ और सभी को अच्छा स्वास्थ और लंबी आयु दें
हार्दिक आभार आपका |आप स्वस्थ और प्रसन्न रहें |
Deleteबहुत ही सुंदर
ReplyDeleteहार्दिक आभार सर
Deleteबहुत सुंदर आशावादी अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका आदरणीय पम्मी सिंह जी
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