Wednesday, 20 November 2024

एक गीत -सर्द मौसम

 

चित्र साभार गूगल 

एक गीत -सर्द मौसम 

बर्फ़ में गुलमर्ग 

औली 

और शिमला है.

सर्द मौसम में 

गुलाबी 

कोट निकला है.


छतें 

स्वेटर बुन रही हैं 

भाभियों वाली,

बतकही, चुगली 

कड़कती 

चाय की प्याली,

लाँन में 

हर फूल 

खुशबू और गमला है.


हवा ठंडी 

काँपती सी 

लहर नदियों की,

याद आई 

फिर कहानी 

कई सदियों की,

चाँद 

पूनम का भी 

अबकी बार धुंधला है.


पेड़ से 

उड़कर जमीं 

पर लौट आए हैं,

ओंस में 

भींगे परिंदे 

कुनमुनाये हैं,

मौसमी 

दिनमान 

का भी रंग बदला है.

कवि -जयकृष्ण राय तुषार

चित्र साभार गूगल 




14 comments:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 21 नवंबर 2024 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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    1. हार्दिक आभार आपका. सादर अभिवादन

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  2. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में शुक्रवार 21 नवंबर 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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    1. हार्दिक आभार आपका. सादर अभिवादन

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  3. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में शुक्रवार 22 नवंबर 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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  4. गुलाबी ठंड में धूप की ऊष्मा साकार हो गई। तरो-ताज़ा कर दिया। अभिनंदन और गुड़ की गज़क, भुनी मूंगफली ।। फ़ौरन से पेश्तर।

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  5. गुलाबी ठंड में धूप की ऊष्मा साकार हो गई। तरो-ताज़ा कर दिया। अभिनंदन और गुड़ की गज़क, भुनी मूंगफली ।। फ़ौरन से पेश्तर।

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    1. हार्दिक आभार आपका. सादर अभिवादन

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  6. सुन्दर रचना, साभार

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