Wednesday 11 January 2023

एक गीत -तुम हँसोगी धुंध से तब सूर्य निकलेगा

चित्र साभार गूगल 


दैनिक जागरण पुनर्नवा में प्रकाशित दिनांक 20 फ़रवरी 2023

एक गीत -कौन कहता है कि मौसम नहीं बदलेगा

कौन कहता है

कि मौसम

नहीं बदलेगा.

तुम हँसोगी

धुंध से तब

सूर्य निकलेगा.


सिर झुकाये

फूल, झीलें

मौन दिखती हैँ,

तितलियाँ अब

कहाँ कोई

पत्र लिखतीं हैँ,

ओस पर

अब कौन नंगे

पाँव टहलेगा.


गाँव, घाटी

खेत फिर से

खिलखिलाएंगे,

फिर यही

सोये परिंदे

गीत गाएंगे,

फागुनी ऋतु

में भ्रमर का

झुण्ड उछलेगा.


हवा ठिठुरी

खुशबुओं का

द्वार खोलेगी,

सांध्य बेला

दर्पनों से

राग बोलेगी,

जलेगी

समिधा

नहीं फिर धुंआ निकलेगा.


इन्द्र धनु से

स्वप्न होंगे

अभी जो सादा,

पूर्ण होगा

जो अधूरा

रह गया वादा,

प्रेम ही

पाषाण का

हर दर्प कुचलेगा.

कवि जयकृष्ण राय तुषार

चित्र साभार गूगल 


2 comments:

  1. सुंदर सकारात्मक भाव का गीत।

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    1. हार्दिक आभार आपका. सादर अभिवादन

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