एक आस्था का गीत -
संगम की जलधार
गीतकार -जयकृष्ण राय तुषार
गायक स्वर
श्री रत्नेश दूबे
डॉ 0 अंकिता चतुर्वेदी
एवं साथी स्वर
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चित्र साभार गूगल |
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चित्र साभार गूगल ढूंढता है मन शहर की भीड़ से बाहर. घास, वन चिड़िया नदी की धार में पत्थर. नीम, पाकड़ और पीपल की घनी छाया, सांध्य बेला आरती...
वाह वाह वाह!!! बहुत सुन्दर तुषार जी।बधाई स्वीकारें 🙏
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