चित्र -साभार गूगल |
आस्था का गीत-रामनवमी पर विशेष
मर्यादा पुरुषोत्तम राम का आज जन्मदिवस है जन्मदिन की बधाई कैसे दूँ ,राम आज भी बेघर हैं,वही राम जो सृष्टि के पालनहार है ।राम का वनवास तो कभी खत्म ही नहीं हुआ ।अपनी व्याकुलता को गीत का रूप देना ही उचित लगा ।आप सभी को रामनवमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ।
दोहा -
स्वनिर्मित इस सृष्टि में बेघर हैं श्रीराम ।
अब भी रावण,मंथरा बदल गए बस नाम ।
दोहा -
स्वनिर्मित इस सृष्टि में बेघर हैं श्रीराम ।
अब भी रावण,मंथरा बदल गए बस नाम ।
गीत-पालने में आज प्रभु श्रीराम सोयेंगे
पालने में
आज प्रभु
श्रीराम सोयेंगे ।
खिलखिलाकर
हँसेंगे, फिर
चिहुँक रोयेंगे ।
खत्म होता
क्यों नहीं
वनवास तेरा राम ,
अब
अयोध्या में
नहीं दीपावली की शाम,
मलिन
सरयू जल
कहाँ तक पाप धोयेंगे |
क्यों नहीं
वनवास तेरा राम ,
अब
अयोध्या में
नहीं दीपावली की शाम,
मलिन
सरयू जल
कहाँ तक पाप धोयेंगे |
मंथराओं के
सुदिन हैं
तुम्हे निष्कासन,
हो गया
अभिशप्त
कौशल राज सिंहासन,
हारना
मत समर
तुलसीदास रोयेंगे ।
सुदिन हैं
तुम्हे निष्कासन,
हो गया
अभिशप्त
कौशल राज सिंहासन,
हारना
मत समर
तुलसीदास रोयेंगे ।
महासागर
पार तुम
डूबे नदी में,
हैं कई
रावण,विधर्मी
इस सदी में,
पंचवटियों
में सुनहरे
हिरण खोयेंगे ।
पार तुम
डूबे नदी में,
हैं कई
रावण,विधर्मी
इस सदी में,
पंचवटियों
में सुनहरे
हिरण खोयेंगे ।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (14-04-2019) को "दया करो हे दुर्गा माता" (चर्चा अंक-3305) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
दुर्गाअष्टमी और श्री राम नवमी की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
--
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
sundar rachna
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 13/04/2019 की बुलेटिन, " १०० वीं बरसी पर जलियाँवाला बाग़ कांड के शहीदों को नमन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDeleteआप सभी का ह्रदय से आभार
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