Sunday, 13 July 2025

मौसम का गीत -ढूँढता है मन

 

चित्र साभार गूगल
ढूंढता है

मन शहर की 
भीड़ से बाहर.
घास, वन चिड़िया 
नदी की धार में पत्थर.

नीम, पाकड़ 
और पीपल की
घनी छाया,
सांध्य बेला 
आरती की 
स्वर्ण सी काया,
चिट्ठियों में
ढक गए हैं फूल से अक्षर.

तन बदन दिन
घास मिट्टी
होंठ पर मुरली,
दो अपरिचित
कर रहे हैं
धूप की चुगली,
याद आए
अल्पनाओं से सजे कोहबर.

साज
मौसम का
परिंदे गा रहे ठुमरी,
गाँव-घर
सिवान फिर
गूंजती कजरी,
घाट काशी के
लगे फिर बोलने हर हर.

कवि जयकृष्ण राय तुषार

चित्र साभार गूगल


Friday, 11 July 2025

माननीय न्यायमूर्ति श्री अरुण टंडन जी को ग़ज़ल संग्रह भेंट करते हुए

 इलाहाबाद अब प्रयागराज का इंडियन कॉफी हॉउस कभी साहित्य का बहुत बड़ा अड्डा था तमाम नामचीन कवि लेखक यहाँ साहित्य विमर्श करते थे. आज वह बात तो नहीं लेकिन कभी कभी कवि, लेखक, पत्रकार प्रोफ़ेसर आ ही जाते हैं. कभी कभी सेवानिवृत न्यायमूर्ति भी आ जाते हैं. आज अकस्मात अपने समय के विख्यात न्यायमूर्ति श्री अरुण टंडन जी दिखे तो मैंने अपना ग़ज़ल संग्रह देते हुए फोटो का आग्रह किया तो माननीय सहज भाव से स्वीकार कर लिए. आभार आपका सर

माननीय न्यायमूर्ति श्री अरुण टंडन जी
सेवानिवृत्त



Sunday, 6 July 2025

किताब की समीक्षा -मनोरंजन अमर उजाला

 ग़ज़ल संग्रह "सियासत भी इलाहाबाद में संगम नहाती है"की समीक्षा आज अमर उजाला में साहित्यिक पेज मनोरंजन में छपी है. लेखक श्री श्री चित्रसेन रजक जी सम्पादक श्री देव प्रकाश चौधरी जी का हृदय से आभार




Monday, 30 June 2025

आज़मगढ़ के गौरव श्री जगदीश प्रसाद बरनवाल कुंद

 श्री जगदीश प्रसाद बरवाल कुंद जी आज़मगढ़ जनपद के साथ हिन्दी साहित्य के गौरव और मनीषी हैं. लगभग 15 से अधिक पुस्तकों का प्रणयन कर चुके कुंद साहब अस्वस्थ होने के बावजूद 76 वर्ष की उम्र में भी सक्रिय हैं. आज सौभाग्य से प्रयागराज अपने पुत्र के यहाँ आगमन हुआ. मुझे भी मुलाक़ात का अवसर मिला आज़मगढ़ जनपद के साहित्यकारों में मुझे भी अपनी किताब में कुंद साहब ने शामिल किया है. यह मेरे लिए गौरव की बात है. मैं उनके स्वस्थ और शतायु होने की कामना करता हूँ.


श्री जगदीश प्रसाद बरवाल कुंद जी को अपना
ग़ज़ल संग्रह भेंट करते हुए साथ में भाई
 अवनीश बरनवाल जी


कुंद जी की प्रमुख पुस्तकें

Thursday, 26 June 2025

पुस्तक भेंट -सुश्री रत्नप्रिया जी सहायक आयुक्त प्रशासन

 

आदरणीया श्रीमती रत्न प्रिया सहायक आयुक्त प्रशासन

श्री नीरज पांडे I. P. S

श्री सत्यम मिश्र अपर जिलाधिकारी नगर


Saturday, 21 June 2025

ग़ज़ल संग्रह भेंट -श्री प्रवीण पटेल सांसद फूलपुर

 ग़ज़ल संग्रह सियासत भी इलाहाबाद में संगम नहाती है

योग दिवस पर माननीय सांसद फूलपुर आदरणीय श्री प्रवीण पटेल जी एवं माननीय विधायक फूलपुर श्री दीपक पटेल जी को अपना ग़ज़ल संग्रह भेंट करने का सौभाग्य मिला. योग दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.

माननीय सांसद फूलपुर श्री प्रवीण पटेल और
माननीय विधायक श्री दीपक पटेल जी
फूलपुर को ग़ज़ल संग्रह भेंट करते हुए




Monday, 2 June 2025

ग़ज़ल संग्रह -सियासत भी इलाहाबाद में संगम नहाती है

 

माननीय न्यायमूर्ति श्री पंकज मित्तल जी
न्यायधीश उच्चतम न्यायालय

प्रतिष्ठित परिवार में जन्म इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत फिर यहीँ पर माननीय न्यायधीश के रूप में शपथ. जम्मू कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायधीश पुनः राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश. वर्तमान में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में न्यायधीश. सहज सरल सौम्य माननीय मित्तल साहब क़ानून के मर्मज्ञ होने के साथ हिन्दी साहित्य के प्रति अगाध लगाव रखते हैं. साहित्यकारों के प्रति हृदय में सम्मान का भाव रखते हैं. माननीय का हृदय से आभार.
 

माननीय न्यायमूर्ति आदरणीय श्री पंकज मित्तल
जी को अपना ग़ज़ल संग्रह भेंट करते हुए

Thursday, 29 May 2025

ग़ज़ल संग्रह -सियासत भी इलाहाबाद में संगम नहाती है

 

ग़ज़ल संग्रह

कवि -जयकृष्ण राय तुषार 

पुस्तक -सियासत भी इलाहाबाद में संगम नहाती है 

प्रकाशक -लोकभारती इलाहाबाद (प्रयागराज )

पेपरबैक मूल्य -250 रूपये 

https://www.amazon.in/dp/934822932X


Saturday, 10 May 2025

एक युद्धगान -अब धर्मयुद्ध छोड़ो अर्जुन

 

श्री कृष्ण अर्जुन

अब धर्मयुद्ध छोड़ो अर्जुन 


केशव की गीता 
कहती है 
युग के जैसा व्यवहार करो.
अब धर्मयुद्ध 
छोड़ो अर्जुन 
दुश्मन पर प्रबल प्रहार करो.

उपदेश
नियम, नैतिकता के
ग्रंथों में शोभा देते हैं,
दानव तो
अबला, संतो के
भी प्राण हरण कर लेते हैं,
मायावी
असुरों के सम्मुख
निज माया का विस्तार करो.


सन 71 में दयावान
बन हमने
जिसको माफ़ किया
उसने भारत माँ
के विरुद्ध
षड़यंत्र और अपराध किया,
अबकी
निर्णायक युद्ध करो
हर पापी का संहार करो.

सूखी चिनाब में
रेत उड़े
आज़ाद बलूचिस्तान बने,
फिर चन्द्रगुप्त
राणाप्रताप
पोरस का हिंदुस्तान बने,
आतंक मिटा कर
दुनिया से
मानवता का उद्धार करो.

जब युद्धभूमि में
जाना हो
प्रभु परशुराम को याद करो,
जिसकी कुदृष्टि
हो भारत पर
उसको समूल बर्बाद करो
सपना अखण्ड
भारत माँ का
अब तो वीरों साकार करो.

जयकृष्ण राय तुषार
चित्र साभार गूगल

प्रभु परशुराम



Thursday, 8 May 2025

एक देशगान -मोदी है रुद्रावतार

 

भारत माता

एक देशगान 

माननीय प्रधानमंत्री जी


संकट में था 

सिंदूर 

सनातन, महाकाल.

हिमशिखर 

पिघलने लगे 

सिंधु में है उबाल.


तन गयी 

भृकुटि मोदी जी 

हैं रुद्रावतार,

फिर कुपित 

राम की सेना 

लंका पर प्रहार,

निकलो 

वीरों त्रिशूल के 

संग लेकर मशाल.


काफ़िर 

मत कहना 

मूर्ख सुदर्शन चक्र देख,

विषपाई 

शिव की 

भृकुटि हो गयी वक्र देख,

हुंकार

हमारी सुन 

भारत माता निहाल.


अब भजन 

नहीं मंदिर में 

फूंको पांचजन्य,

इस महाप्रलय 

से सजग रहें 

अब शत्रु अन्य,

भर जाय 

रक्त से दुश्मन का 

हर झील, ताल 


वन्देमातरम. जय हिन्द 

भारत के माननीय प्रधानमंत्री जी और चाणक्य 
माननीय गृहमंत्री जी


मौसम का गीत -ढूँढता है मन

  चित्र साभार गूगल ढूंढता है मन शहर की  भीड़ से बाहर. घास, वन चिड़िया  नदी की धार में पत्थर. नीम, पाकड़  और पीपल की घनी छाया, सांध्य बेला  आरती...