![]() |
चित्र साभार गूगल |
![]() |
चित्र साभार गूगल |
(कृपया बिना अनुमति के इस ब्लॉग में प्रकाशित किसी भी अंश का किसी भी तरह से उपयोग न करें)
![]() |
चित्र साभार गूगल |
![]() |
चित्र साभार गूगल |
इलाहाबाद अब प्रयागराज का इंडियन कॉफी हॉउस कभी साहित्य का बहुत बड़ा अड्डा था तमाम नामचीन कवि लेखक यहाँ साहित्य विमर्श करते थे. आज वह बात तो नहीं लेकिन कभी कभी कवि, लेखक, पत्रकार प्रोफ़ेसर आ ही जाते हैं. कभी कभी सेवानिवृत न्यायमूर्ति भी आ जाते हैं. आज अकस्मात अपने समय के विख्यात न्यायमूर्ति श्री अरुण टंडन जी दिखे तो मैंने अपना ग़ज़ल संग्रह देते हुए फोटो का आग्रह किया तो माननीय सहज भाव से स्वीकार कर लिए. आभार आपका सर
![]() |
माननीय न्यायमूर्ति श्री अरुण टंडन जी सेवानिवृत्त |
ग़ज़ल संग्रह "सियासत भी इलाहाबाद में संगम नहाती है"की समीक्षा आज अमर उजाला में साहित्यिक पेज मनोरंजन में छपी है. लेखक श्री श्री चित्रसेन रजक जी सम्पादक श्री देव प्रकाश चौधरी जी का हृदय से आभार
श्री जगदीश प्रसाद बरवाल कुंद जी आज़मगढ़ जनपद के साथ हिन्दी साहित्य के गौरव और मनीषी हैं. लगभग 15 से अधिक पुस्तकों का प्रणयन कर चुके कुंद साहब अस्वस्थ होने के बावजूद 76 वर्ष की उम्र में भी सक्रिय हैं. आज सौभाग्य से प्रयागराज अपने पुत्र के यहाँ आगमन हुआ. मुझे भी मुलाक़ात का अवसर मिला आज़मगढ़ जनपद के साहित्यकारों में मुझे भी अपनी किताब में कुंद साहब ने शामिल किया है. यह मेरे लिए गौरव की बात है. मैं उनके स्वस्थ और शतायु होने की कामना करता हूँ.
![]() |
![]() |
श्री जगदीश प्रसाद बरवाल कुंद जी को अपना ग़ज़ल संग्रह भेंट करते हुए साथ में भाई अवनीश बरनवाल जी |
![]() |
कुंद जी की प्रमुख पुस्तकें |
ग़ज़ल संग्रह सियासत भी इलाहाबाद में संगम नहाती है
योग दिवस पर माननीय सांसद फूलपुर आदरणीय श्री प्रवीण पटेल जी एवं माननीय विधायक फूलपुर श्री दीपक पटेल जी को अपना ग़ज़ल संग्रह भेंट करने का सौभाग्य मिला. योग दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.
![]() |
माननीय सांसद फूलपुर श्री प्रवीण पटेल और माननीय विधायक श्री दीपक पटेल जी फूलपुर को ग़ज़ल संग्रह भेंट करते हुए |
![]() |
माननीय न्यायमूर्ति श्री पंकज मित्तल जी न्यायधीश उच्चतम न्यायालय |
प्रतिष्ठित परिवार में जन्म इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत फिर यहीँ पर माननीय न्यायधीश के रूप में शपथ. जम्मू कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायधीश पुनः राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश. वर्तमान में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में न्यायधीश. सहज सरल सौम्य माननीय मित्तल साहब क़ानून के मर्मज्ञ होने के साथ हिन्दी साहित्य के प्रति अगाध लगाव रखते हैं. साहित्यकारों के प्रति हृदय में सम्मान का भाव रखते हैं. माननीय का हृदय से आभार.
![]() |
माननीय न्यायमूर्ति आदरणीय श्री पंकज मित्तल जी को अपना ग़ज़ल संग्रह भेंट करते हुए |
![]() |
श्री कृष्ण अर्जुन |
अब धर्मयुद्ध छोड़ो अर्जुन
![]() |
चित्र साभार गूगल |
![]() |
भारत माता |
एक देशगान
![]() |
माननीय प्रधानमंत्री जी |
संकट में था
सिंदूर
सनातन, महाकाल.
हिमशिखर
पिघलने लगे
सिंधु में है उबाल.
तन गयी
भृकुटि मोदी जी
हैं रुद्रावतार,
फिर कुपित
राम की सेना
लंका पर प्रहार,
निकलो
वीरों त्रिशूल के
संग लेकर मशाल.
काफ़िर
मत कहना
मूर्ख सुदर्शन चक्र देख,
विषपाई
शिव की
भृकुटि हो गयी वक्र देख,
हुंकार
हमारी सुन
भारत माता निहाल.
अब भजन
नहीं मंदिर में
फूंको पांचजन्य,
इस महाप्रलय
से सजग रहें
अब शत्रु अन्य,
भर जाय
रक्त से दुश्मन का
हर झील, ताल
वन्देमातरम. जय हिन्द
![]() |
भारत के माननीय प्रधानमंत्री जी और चाणक्य माननीय गृहमंत्री जी |
चित्र साभार गूगल ढूंढता है मन शहर की भीड़ से बाहर. घास, वन चिड़िया नदी की धार में पत्थर. नीम, पाकड़ और पीपल की घनी छाया, सांध्य बेला आरती...