Monday 12 February 2024

एक ग़ज़ल -मौसम रातरानी हो गया

चित्र साभार गूगल 

स्मृतिशेष कथा लेखिका उषाकिरण खां 


इस ग़ज़ल के मतले का शेर कथा लेखिका उषाकिरण खां को समर्पित है

एक ग़ज़ल -मैंने दिल से कुछ कहा 

भाप में तब्दील इक दरिया का पानी हो गया
एक किस्सागो शहर का ख़ुद कहानी हो गया

खुशबुओं की शाल ओढ़े आ गया छत पर ये कौन 
चाँद निकला और मौसम रातरानी हो गया

इक खड़ाऊं रखके भी सारी अयोध्या थी ग़रीब
राम जब लौटे  नगर फिर राजधानी हो गया

राग, बंदिश, ताल, सुर, लय का पता कुछ भी न था 
मिल गयी महफ़िल तो गायक खानदानी हो गया

मन के सारे रंग भी फूलों से फागुन में खिले
बाग का मंज़र गुलाबी, पीला, धानी हो गया

मांगकर छल से भिखारी देवता भी बन गए
देने वाला कर्ण जैसा वीर दानी हो गया

इस सियासत को समझने का सलीका और है
मैंने दिल से कुछ कहा कुछ और मानी हो गया

कवि /शायर
जयकृष्ण राय तुषार
चित्र साभार गूगल 


20 comments:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 14 फरवरी 2024को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    अथ स्वागतम शुभ स्वागतम।

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    1. आपका हृदय से आभार. बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें

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    1. हार्दिक आभार. वसंत की शुभकामनायें

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  3. वाह ! ख़ूबसूरत रचना

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    1. आपका हृदय से आभार. वसंत की हार्दिक शुभकामनायें

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    1. हार्दिक आभार. वसंत की हार्दिक शुभकामनायें

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  5. वाह्ह लाजवाब ग़ज़ल सर।
    सादर।

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    1. हार्दिक आभार आपका. सादर अभिवादन श्वेता जी

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  6. मन के सारे रंग भी फूलों से फागुन में खिले
    बाग का मंज़र गुलाबी, पीला, धानी हो गया

    बसंती रंग में रंगी अति सुन्दर सृजन आदरणीय 🙏

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    1. आदरणीया आपका हृदय से आभार. सादर अभिवादन

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  7. राग, बंदिश, ताल, सुर, लय का पता कुछ भी न था
    मिल गयी महफ़िल तो गायक खानदानी हो गया
    एक से बढ़कर एक शेरों से सजी रचना के लिए हार्दिक बधाई तुषार जी!स्मृति शेष उषा जी की पुण्य स्मृति को सादर नमन! एक बहुत ही संवेदनशील रचनाकार का जाना बहुत दुखद है!🙏😔

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    1. आपका हृदय से आभार रेणु जी. सादर अभिवादन

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  8. सुन्दर अभिव्यक्ति

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    1. हार्दिक आभार आपका. सादर प्रणाम

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  9. खुशबुओं की शाल ओढ़े आ गया छत पर ये कौन
    चाँद निकला और मौसम रातरानी हो गया,,,,,, बहुत ही लाजवाब ग़ज़ल आदरणीय सर ।

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    1. आदरणीया मधुलिका जी हार्दिक आभार. सादर प्रणाम

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  10. वाह वाह बहुत कमाल की गज़ल कही है आपने

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