प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश |
लोकमान्य तिलक और गणेश उत्सव
मुंबई के चौपाटी पर समुद्र की लहरों को देखता एक राष्ट्रवादी, क्रन्तिकारी विचारों में खोया था की राष्ट्र को जाति पांति के बंधन से मुक्त कैसे किया जाय और राष्ट्रीय आंदोलन में प्रबल जनमत कैसे तैयार किया जाय. तभी ट्रेन में मिले एक सन्यासी( बॉम्बे से पुणे जाते हुए )का वाक्य याद आया. भारतीय जनता की रीढ़ धर्म है. फिर उस क्रन्तिकारी ने पुणे में प्रथम बार 1893 में गणेश उत्सव का सार्वजनिक आयोजन किया. यह सभी लोगों के लिए था बिना किसी भेदभाव के. यह पूजा पहले भी शिवाजी महाराज जैसे कई राजा व्यक्तिगत तौर पर करते थे लेकिन राष्ट्रव्यापी बनाया महान वकील समाज सुधारक क्रन्तिकारी तिलक ने.तिलक 1857 के स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन की विफलता के कारणों से अत्यधिक चिंतित थे. क्योंकि उस आंदोलन में जनता का सहयोग सीमित था.बालगंगाधर तिलक के सदप्रयास से आज गणेश उत्सव न केवल महाराष्ट्र बल्कि राष्ट्र का उत्सव बन गया है. इस महान देश भक्त को कोटि कोटि नमन.यह बड़ा काम था. आप सभी को गणेश उत्सव की हार्दिक शुभकामनायें.
महान विचारक क्रन्तिकारी तिलक |
बहुत सुंदर भक्तिमय जानकारी,गणेश उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteप्रथम पूज्य भगवान गणेश आपका मंगल करें. हार्दिक आभार
Deleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 21 सितंबर 2023 को लिंक की जाएगी ....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
!
हार्दिक आभार भाई
Deleteलोकमान्य तिलक जैसे महान क्रांतिकारी ही युग निर्माता होते हैं, उनकी सीख से ही देशप्रेम की भावना सुदृढ़ होकर जनमानस में सुख शांति का वास संभव हो पाता है। बहुत अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteआपको भी गणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाये
हार्दिक आभार आपका. सादर अभिवादन
Delete