Thursday 14 September 2023

हिंदी दिवस -हजारों मील समंदर के पार है हिंदी

चित्र साभार गूगल 


एक -ग़ज़ल -हजारों मील समंदर के पार है हिंदी 


हरेक बागे अदब में बहार है हिन्दी
कहीं गुलाब कहीं हरसिंगार है हिन्दी


ये रहीम, दादू और रसखान की विरासत है
कबीर सूर और तुलसी का प्यार है हिन्दी


फिजी, गुयाना, मॉरीशस में इसकी खुश्बू है
हजारों मील समन्दर के पार है हिन्दी


महक खुलूस की आती है इसके नग्मों से
किसी हसीन की वीणा का तार है हिन्दी


जयकृष्ण राय तुषार 




चित्र साभार गूगल



8 comments:

  1. हिंदी का गुणगान करती मनमोहक रचना सर।
    प्रणाम
    सादर।
    ------
    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार १५ सितंबर २०२३ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  2. बहुत ख़ूब तुषार जी !
    आपने हिंदी की महिमा का और उसकी व्यापकता का, वर्णन बड़े दिलकश अंदाज़ में किया है.
    मुझे आपने दुष्यंत कुमार की याद दिला दी.

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    Replies
    1. आपका हृदय से आभार भाई साहब

      Delete
  3. बहुत सुंदर सृजन हिन्दी दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं 🌹

    ReplyDelete
  4. बहुत सुंदर स्रजन

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