कृष्ण भक्त मीराबाई -चित्र -साभार गूगल |
एक गीत -
मेरे इन गीतों में रंग नहीं मेरा है
मेरे इन गीतों में
रंग नहीं मेरा है |
मुझसे लिखवाता जो
कौन वह चितेरा है ?
फूलों से गन्ध मिली
मन लिए हवाओं से ,
सारा श्रृंगार मिला
रूपसी कथाओं से
सुबहों का उजियारा
रात का अँधेरा है |
गीत मैं चुराता हूँ
धूप कभी बादल से ,
अधरों की मधुर हँसी
नयनों के काजल से ,
भौरों सा मन अपना
फूल पर बसेरा है |
जीवन का सुख दुःख
ही गीत है रुबाई है ,
अनुभव के पृष्ठों पर
अश्रु रोशनाई है ,
चित्र सब हमारे हैं
रंग रूप तेरा है |
जीवन का सुख दुःख
ही गीत है रुबाई है ,
अनुभव के पृष्ठों पर
अश्रु रोशनाई है ,
चित्र सब हमारे हैं
रंग रूप तेरा है |
जब तक मन वृन्दावन
बाँसुरी बजाता है ,
मीराबाई गाती
सूरदास गाता है ,
निर्गुण मन के पथ पर
जोगी का फेरा है |
जयकृष्ण राय तुषार
चित्र -साभार गूगल |
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 02 एप्रिल 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (03-04-2020) को "नेह का आह्वान फिर-फिर!"
(चर्चा अंक 3660) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
बहुत सुन्दर गीत।
ReplyDeleteश्री राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आपका हार्दिक आभार आदरणीय
Deleteजीवन का सुख दुःख
ReplyDeleteही गीत है रुबाई है ,
अनुभव के पृष्ठों पर
अश्रु रोशनाई है ,
चित्र सब हमारे हैं
रंग रूप तेरा है
अति सुंदर ,सादर नमन आपको
आपका हृदय से आभार |
Deleteतुषार जी ... गीत मैं चुराता हूँ
ReplyDeleteधूप कभी बादल से ,
अधरों की मधुर हँसी
नयनों के काजल से ,
भौरों सा मन अपना
फूल पर बसेरा है | बहुत ही सुंदर कविता
आपका हृदय से आभार |
Deleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका |
Deleteजब तक मन वृन्दावन
ReplyDeleteबाँसुरी बजाता है ,
मीराबाई गाती
सूरदास गाता है ,
निर्गुण मन के पथ पर
जोगी का फेरा है |
बहुत सुंदर तुषार जी👌👌👌
आपके गीतों का प्रवाह अविरल हो 🙏🙏💐💐