माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी यशस्वी प्रधानमन्त्री ,भारत सरकार |
विशेष -आज मेरा यह गीत माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दीप प्रज्ज्वलन के आह्वान को समर्पित है |यह गीत उन योद्धाओं को भी समर्पित है जो प्रशासन,पुलिस,चिकित्सा,या किसी भी रूप में इस जंग में शामिल हैं |यह कविता उन महान दानवीरों को भी समर्पित है जिन्होंने दिल खोलकर सरकार की मदद किया। आज रात नौ बजे नौ मिनट मोदी जी के साथ दिए रहे हाथ |सादर प्रणाम सहित
एक गीत -एक दिए की लौ में होगी हँसकर सारी बात
चित्र-साभार गूगल |
एक गीत -एक दिए की लौ में होगी हँसकर सारी बात
एक दिए की
लौ में होगी
हँसकर सारी बात |
हम जीतेंगे
और मिलेगी
कोरोना को मात |
जन -जन बाती
बनें देश की
मन में रहे हुलास ,
जम्मू ,केरल ,
पटना ,काशी
या प्रयाग ,देवास ,
गाँव ,शहर
के संग खड़े हों
वन में कोल ,किरात |
जन -जन बाती
बनें देश की
मन में रहे हुलास ,
जम्मू ,केरल ,
पटना ,काशी
या प्रयाग ,देवास ,
गाँव ,शहर
के संग खड़े हों
वन में कोल ,किरात |
खुली खिड़कियों
से देखेंगे
तारों भरा गगन ,
मन के जोगी
आज लगाना
माथे पर चन्दन ,
झीने घूँघट
में ही आना
आज चाँदनी रात |
साथ भागवत
लाना लेकिन
सुनना मेरे गीत ,
पंचम दा सा
देना मेरे
गीतों को संगीत ,
यादगार हो
सभी कुँवारे
सपनों की बारात |
इन्द्रधनुष हो
नये क्षितिज पर
सभी दिशाओं में ,
जीवन का
हर मन्त्र मिलेगा
वेद ऋचाओं में ,
ऋतुएँ जब भी
लगें उबासी
होना तुम परिजात |
कवि -जयकृष्ण राय तुषार
बहुत बढ़िया
ReplyDeleteआदरनीय ओंकार जी आपका हृदय से आभार
Deleteआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज रविवार 05 एप्रिल 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteआपका हार्दिक आभार भाई राही जी
Deleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (06 -04-2020) को 'इन दिनों सपने नहीं आते'(चर्चा अंक-3663) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
*****
रवीन्द्र सिंह यादव
एक दिए की
ReplyDeleteलौ में होगी
हँसकर सारी बात |
हम जीतेंगे
और मिलेगी
कोरोना को मात |
सुंदर सृजन सर सादर नमन
आपका हार्दिक आभार कामिनी जी
Deleteबहुत ही सुंदर सृजन आदरणीय सर
ReplyDeleteसादर
हार्दिक आभार
Deletebahut hi Sundar Rachna
ReplyDeleteहार्दिक आभार
Deleteबहुत सुंदर सृजन
ReplyDeleteआपका हार्दिक आभार
Deleteवाह! वाह!! और सिर्फ़ वाह!!!! मन की रगिनियों को छेड़ने वाली अद्भुत रचना। आनंद आ गया पढ़कर। साधुवाद!!
ReplyDeleteसाथ भागवत
ReplyDeleteलाना लेकिन
सुनना मेरे गीत ,
पंचम दा सा
देना मेरे
गीतों को संगीत ,
यादगार हो
सभी कुँवारे
सपनों की बारात |
वाह👌👌👌👌
हार्दिक आभार आपका रेणु जी
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