Monday, 1 October 2012

एक गज़ल -गाँधी जयंती पर

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी 
एक गज़ल 
कुदरत का करिश्मा हैं या वरदान हैं गाँधी

कुदरत का करिश्मा हैं या वरदान हैं गाँधी
इस दौर में इंसा नहीं भगवान हैं गाँधी 

अफ़साना -ए -आज़ादी के किरदार कई हैं 
अफ़साना -ए -आज़ादी का उनवान हैं गाँधी 

जन्नत से अधिक पाक है इस देश की मिट्टी 
इस देश की मिट्टी में ही कुर्बान हैं गाँधी 

ता उम्र रहे सत्य अहिंसा के पुजारी 
हर मुल्क में इस देश की पहचान हैं गाँधी 

मजहब से बहुत दूर वो इंसान थे पहले 
ईसाई हैं ,हिन्दू हैं ,मुसलमान हैं गाँधी 

15 comments:

  1. ता उम्र रहे सत्य अहिंसा के पुजारी
    हर मुल्क में इस देश की पहचान हैं गाँधी

    बहुत बढ़िया.... बापू को नमन

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  2. बहुत सुंदर .... बापू को नमन

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  3. गाँधी जयंती की शुभकामनाएं...

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  4. भाई प्रवीन जी ,वानभट्ट जी आदरणीया मोनिका जी ,संगीता जी आप सभी का आभार |

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  5. बहुत सुन्दर रचना...
    बापू को नमन....
    :-)

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  6. बहुत सुन्दर -सच्ची श्रद्धांजलि

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  7. मजहब से बहुत दूर वो इंसान थे पहले
    ईसाई हैं ,हिन्दू हैं ,मुसलमान हैं गाँधी

    ...बिलकुल सच...गाँधी जी को नमन..

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  8. आदरणीय अजय कुमार झा साहब स्नेह के लिए आपका बहुत -बहुत आभार |

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  9. आदरणीय कैलाश शर्मा जी अग्रज अरविन्द मिश्र जी रीना जी आप सभी का बहुत -बहुत आभार |

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  10. बापू के प्रति अद्भुत भाव ...हृदयस्पर्शी ...
    सच्ची श्रद्धांजली ....नमन बापू को ...

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  11. मजहब से बहुत दूर वो इंसान थे पहले
    ईसाई हैं ,हिन्दू हैं ,मुसलमान हैं गाँधी
    Kya gazab baat kah dee aapne!

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  12. बापू को शत शत नमन।

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  13. मजहब से बहुत दूर वो इंसान थे पहले ...
    बापू को बहुत प्यारी श्रद्धांजली ! सादर नमन !

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