सुर साम्राज्ञी भारत रत्न -लता मंगेशकर |
मेरा एक गीत [लता जी के जन्म दिन 28 सितम्बर पर विशेष भेंट ]
सदी को सुन रहा हूँ मैं
लता के
गीत के कुछ फूल
केवल चुन रहा हूँ मैं |
उन्हें सुनकर के
लगता है
सदी को सुन रहा हूँ मैं |
केवल चुन रहा हूँ मैं |
उन्हें सुनकर के
लगता है
सदी को सुन रहा हूँ मैं |
सुहागन
चूड़ियों में भी
उसी की धुन खनकती है ,
भरे फूलों से
जंगल में कोई
चिड़िया चहकती है ,
प्रशंसा में
लिखूं तो क्या लिखूं
लिखूं तो क्या लिखूं
सिर धुन रहा हूँ मैं |
उसी की धुन में
मंदिर के पुजारी
मन्त्र पढ़ते हैं ,
हम उसकी
प्यास की खातिर
सुनहरे शब्द गढ़ते हैं ,
सुरों के
रेशमी धागों से
खुद को बुन रहा हूँ मैं |
सभी संगीत के
सुर मिल के
सुर मिल के
उसका सुर बनाते हैं ,
वतन के
नाम पर भी हम
उसी को गुनगुनाते हैं ,
वो सातो
आसमानों में
उसी को सुन रहा हूँ मैं |
तुम्हीं से
जागतीं सुबहें ,
सुहानी शाम होती हैं ,
सुरों की
हर कोई महफ़िल
तुम्हारे नाम होती है ,
तुम्हें
बचपन से सुनता हूँ
मगर बे -धुन रहा हूँ मैं |
तुम्हीं से
जागतीं सुबहें ,
सुहानी शाम होती हैं ,
सुरों की
हर कोई महफ़िल
तुम्हारे नाम होती है ,
तुम्हें
बचपन से सुनता हूँ
मगर बे -धुन रहा हूँ मैं |
समन्दर
भावनाओं का
लता के दिल में बहता है ,
कि जैसे
झील में कोई
कमल का फूल रहता है ,
भावनाओं का
लता के दिल में बहता है ,
कि जैसे
झील में कोई
कमल का फूल रहता है ,
वो परियों
की कहानी है
उसी को गुन रहा हूँ मैं |
बहुत सुंदर कविता लिखी है आपने, लता दी की तारीफ के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं पर आपने बहुत सहज और सुंदर शब्दों का चयन किया! उनकी महानता को बखूबी बयाँ किया आपने.....बधाई
ReplyDeleteलताजी को समर्पित बहुत सुन्दर गीत लिखें हैं आपने ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावान्जलि...
ReplyDeleteतुषार जी,
ReplyDeleteजैसे लता जी के सुरीले गीत आनंदित कर देते हैं वैसे ही आपके इस विशेष गीत ने भी भाव विभोर कर दिया
इस विशेष प्रस्तुति के लिए विशेष धन्यवाद व आभार
लता को सुनना समयशून्य हो जाना है।
ReplyDeleteप्रिय श्रेष्ठ माफ़ी चाहते हैं ,समय से संवाद नहीं करने का ,कारन ,अपनी एक ,पुस्तक प्रकाशन सम्बन्धी व्यस्तता / आपके आशीष की कामना.... आगे समुन्नत सृजन के लिए बधाई /
ReplyDeletebahut khoobsurat kavita hai Tusharji........
ReplyDeleteसदी की महान गायिका लताजी को समर्पित बहुत सुन्दर गीत के लिए आभार !
ReplyDeleteसदी की महान गायिका लताजी को समर्पित बहुत सुन्दर गीत के लिए आभार !
ReplyDeleteअपने आप में एक सदी हैं...लता जी...
ReplyDeleteकमाल की रचना लता दी को उनके जन्म दिन पर दी है आपने।
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता! बधाई
ReplyDeleteलता जी के जन्मदिन पर आपने बहुत ख़ूबसूरत कविता लिखा है ! बेहतरीन प्रस्तुती!
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
lata ji ko samarpit ye kavita bahut sunder hai..kahin padha tha , ki hum kismat walae hain jo lata ji ko dekh sake, agar anae wali peedhi bhi kismat wali hogi jo lata ji ko sun sakegi...magar unka kya jo lata ji se pahlae ayae or chale gaye.........
ReplyDeletelata ji ke liye kuch bhi kehna kam hi hoga.......par apni bahwananon ko aapne sundarta se ukera hai..g8 job!
ReplyDeleteबिल्कुल सच कहा है आपने लता जी सदी की महान गायिका हैं जिन्हें सुनना हमेशा मन को एक सुकून देता है ...इस बेहतरीन अभिव्यक्ति के लिये आभार ।
ReplyDeleteएक बार फिर आपके शब्द कौशल ने मन्त्र मुग्ध कर दिया...नमन है आपकी लेखनी को...अद्भुत
ReplyDeleteनीरज
जयकृष्ण राय जी प्रणाम !
ReplyDeleteसरस्वती स्वरूप लता मंगेशकर जी के बारे जितना भी कहा-लिखा जाए कम ही होगा, उनकी वाणी हम सब के हृदयों में बसी है ...ईश्वर उनको दीर्घायु प्रदान करे .
आपका लता जी के लिए लिखा गीत थोडा भावुक भी कर गया ...
मेरे ब्लॉग पर पधारने और शुभकामनाओं के लिए तहे दिल से शुक्रिया...
♥
ReplyDeleteआपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
प्यारी सी लता जी के जन्मदिन पर यह दुलारी कविता बस सोने में सुहागा बन गयी है !
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता है |शक्ति-स्वरूपा माँ आपमें स्वयं अवस्थित हों .शुभकामनाएं.
ReplyDeleteaapne hmare dil ki baton ko bhi motiyon me piro diya.
ReplyDeletebhut hi bejod rchna.
aapne hmare dil ki baton ko bhi motiyon me piro diya.
ReplyDeletebhut hi bejod rchna.