Thursday, 1 June 2023

एक देश गान -यह चन्दन वन है




भारत का एक प्रधानमंत्री ज़ब विदेशी भूमि पर जाता है भारत माता की जय के नारे गूँजते हैँ, वन्देमातरम से गगन गुंजायमान होता है लेकिन एक बिगड़ा हुआ राजनेता पता नहीं कौन सा संस्कार मिला है की अमेरिका मेँ जाकर चीन से हाथ मिलाकर, पाकिस्तान से सुर मिलाकर भारत माँ की प्रतिष्ठा को धूमिल करता जा रहा है. लेकिन भारत माता अपराजेय हैँ इनकी आभा स्वर्णिम है यह किसी भी प्रयास से धूमिल नहीं होगी जब तक एक भी देशभक्त जीवित रहेगा. वन्देमातरम 


एक देशगान -यह चन्दन वन है


यह चन्दन वन है

बेर, बबूलों का

इसमें अधिकार नहीं.

वे देश छोड़कर

चले जांय

जिनको भारत से प्यार नहीं.


यह वेद भूमि

यह कर्म भूमि

गौरव ग्रंथों की माटी है,

रत्नो से भरे

महासागर, हिमगिरि

फूलों की घाटी है.

वे आँखे अंधी

हो जाएँ

जिनको दिखता सम्भार नहीं.


यह शांति, सुमंगल

शिव स्वरूप

जग के खातिर विषपाई है,

यह ज्ञान, भक्ति का

अमिय कलश

गीता, मानस चौपाई है,

वह राजनीति है

अधम जहाँ

माता के प्रति आभार नहीं.

इस भारत मेँ

गंगा बहती

यह माता शेरों वाली है,

कामाख्या

कांची, कामकोटि

दुर्गा शतरूपा, काली है

यह वीरों को

वर देती है

माफ़ी पाते गद्दार नहीं 

कवि -जयकृष्ण राय तुषार




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