Saturday, 26 February 2022

साहित्य,संगीत और कला के मर्मज्ञ फ़ादर पी0 विक्टर

 

फ़ादर पी0 विक्टर,सेंट जॉन्स स्कूल जौनपुर

फ़ादर कामिल बुल्के की परम्परा के पोषक और हिंदी साहित्य के सहृदय पाठक  और मर्मज्ञ आदरणीय फ़ादर पी0 विक्टर का जन्म 24 जनवरी 1967 में कन्याकुमारी में नायर कोयल नामक स्थान पर हुआ था।पिता स्व0 के0 पीटर एवं माता स्व0 विसेंट के संरक्षण में आपकी प्रारम्भिक शिक्षा तमिलनाडु में हुई।हाई स्कूल प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने के बाद प्रथम बार काशी आगमन हुआ यहीं सेंट जॉन्स D.L.W.से इंटरमीडिएट उत्तीर्ण हुए तत्पश्चात इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और प्रयाग संगीत समिति से संगीत प्रभाकर की शिक्षा मिली।

आजकल फ़ादर पी0 विक्टर सेंट जॉन्स स्कूल जौनपुर में पदस्थापित हैं ।मेरी पत्नी इसी स्कूल में अध्यापिका है।कुछ दिनों पूर्व मेरी मुलाकात फ़ादर से हुई तो पता चला हिंदी के प्रसिद्ध कथाकार मार्कण्डेय जी से उन्होंने हिंदी सीखी थी।फ़ादर को आज अपना गीत संग्रह एवं कुछ अन्य पुस्तकें भेंट किया हूँ।फ़ादर के पिता भारतीय सेना में थे और जन्म सुदूर दक्षिण में कन्याकुमारी में हुआ था।प्रयाग में लंबे समय तक रहे ।विगत 45 वर्षों से उत्तर भारत में रहने के कारण अंग्रेजी साहित्य और हिंदी अधिक जानते हैं।

25 अप्रैल 1995 कोकन्यकुमारी आपके जन्म स्थान में आयोजित पुरोहिताभिषेक कार्यक्रम में आपको पुरोहित/फ़ादर की पदवी प्रदान की गई।फ़ादर बनने के बाद आपको वाराणसी धर्मप्रान्त के गाजीपुर जनपद के ग्रामीण इलाके में मारियाबाद मिशन पर नियुक्ति मिली।

इसके बाद फ़ादर को वाराणसी नवसाधना कालेज में भरत नाट्यम का प्रशासक नियुक्त किया गया।1998 के बाद सेंट जॉन्स कालेज डी0एल0 डब्ल्यू का वाइस प्रिंसिपल नियुक्त किया गया तीन वर्ष बाद उच्च शिक्षा के लिए सेंट जेवियर्स कालेज कोलकाता भेजा गया ।2005 में आपकी विशेष योग्यता देखकर सेंट जॉन्स स्कूल लोहता का प्रथम फ़ादर और प्रधानाचार्य नियुक्त किया गया।2007 में काशी विद्वत परिषद द्वारा काशी रत्न सम्मान प्रदान किया गया। फ़ादर पी0 विक्टर पर्यावरण के प्रति भी गहन रुचि रखते हैं।

काशी में आपको काशी रत्न,राष्ट्र गौरव रत्न और चंद्रशेखर रत्न से सम्मानित किया जा चुका है।फ़ादर पी0 विक्टर सहजता,सरलता की प्रतिमूर्ति हैं।संगीत,नृत्य और साहित्य के साथ प्रकृति से गहरा लगाव है। वृक्षारोपण पर विशेष ध्यान देते हैं। लेकिन अपनी मातृभाषा मलयालम कम। फ़ादर आपको हिंदी साहित्य से अगाध प्रेम के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।आज फ़ादर ने मुझे सम्मानित भी किया।

मुझे सम्मानित करते हुए फ़ादर पी0 विक्टर


2 comments:

  1. फादर विक्टर के बारे में जानकर बहुत अच्छा लगा तुषार जी। ऐसे लोग सद्भावनाओं के संवाहक और कला-साहित्य के पोषक होते हैं। बहुत आभार आपका फादर विक्टर से परिचय कराने के लिए।आप दोनों को हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏

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    1. हार्दिक आभार आपका।सादर प्रणाम

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