डॉ ० सदानन्दप्रसाद गुप्त कार्यकारी अध्यक्ष उ०प्र०हिन्दी संस्थान ,लखनऊ |
सबसे दायें माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ सबसे बाएं श्री शिशिर सिंह निदेशक हिंदी संस्थान सबसे मध्य में डॉ ० सदानन्दप्रसाद गुप्त जी |
साहित्य मनीषी डॉ ० सदानन्दप्रसाद गुप्त
बिहार से अलग हुआ राज्य झारखण्ड केवल बेशकीमती खनिजों की खान नहीं है अपितु यह देश की मेधा और साहित्यिक मनीषियों और बुद्धिजीवियों की भी खान है |उसी पवित्र मिटटी में जन्म लेकर उत्तर प्रदेश को अपना कर्मक्षेत्र बनाया आदरणीय डॉ ० सदानन्दप्रसाद गुप्त जी ने |कर्मण्येवाधिकारस्ते माँ फलेषु कदाचन में विश्वास रखने वाले साहित्य मनीषी डॉ ० गुप्तजी को माननीय मुख्यमन्त्री उत्तर प्रदेश ने 15 सितम्बर 2017 को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया | सन्त साहित्य के मर्मग्य ,स्वभाव से मृदुभाषी डॉ ० सदानन्द जी ने हिंदी संस्थान को स्तरीय कार्यकमों से जोड़ा ही नहीं अपितु साहित्य भूषण पुरष्कारों की संख्या 10 से 20 कर दिया | पुरस्कार में शामिल विधाओं की कुल संख्या 34 से 38 कर दी गयी | संस्थान में तमाम उच्च स्तरीय साहित्यिक सेमिनार आयोजित हुए और गम्भीर प्रकाशन हुए |वैदिक वांग्मय का परिशीलन ,भारतीय संस्कृति की अविराम यात्रा और भोजपुरी के संस्कार गीत | स्मृति संरक्षण योजना के अंतर्गत नवगीत कवि देवेन्द्र कुमार बंगाली पर पुस्तक प्रकशित |
माननीय प्रधानमन्त्री भारत सरकार श्री नरेंद्र मोदी जी के साथ डॉ ० सदानन्दप्रसाद गुप्त जी |
पुरस्कार /सम्मान -
पुरस्कारों और सम्मानों की राजनीति से दूर इस साहित्य मनीषी को मात्र दिल्ली पब्लिक लायब्रेरी का सम्मान /पुरस्कार मिला है |
साहित्यिक विदेश यात्रा - वर्ष 2018में पोर्ट लुई मारीशस में हुए विश्व हिंदी सम्मेलन में शामिल हुए
पुरस्कारों और सम्मानों की राजनीति से दूर इस साहित्य मनीषी को मात्र दिल्ली पब्लिक लायब्रेरी का सम्मान /पुरस्कार मिला है |
साहित्यिक विदेश यात्रा - वर्ष 2018में पोर्ट लुई मारीशस में हुए विश्व हिंदी सम्मेलन में शामिल हुए
डॉ ० सदानन्दप्रसाद गुप्त जी का जन्म गिरिडीह [ झारखण्ड ] के मकडीहा ग्राम में 19 फरवरी 1952 को हुआ था | शिक्षा एम० ए० हिंदी और पी ० एच ० डी ० | गोरखपुर विश्व विद्यालय में अध्यापन करते हुए 30 जून 2013 को डॉ ० सदानन्दप्रसाद गुप्त जी हिंदी विभाग से सेवानिवृत्त हुए | विभाग में रहते हुए लगभग २८ शोधार्थियों को पि० एच ० डी ० की उपाधि प्रदान किये |लगभग 60-65 शोध पत्र प्रकाशित हुए | डॉ ० सदानन्द प्रसाद जी की हिंदी सेवा अतुलनीय है |राष्ट्र प्रेम और राष्ट्रीय विचारधारा इनके आचरण और रक्त में प्रवाहित होती है | मैं ईश्वर से डॉ ० सदानन्द प्रसाद जी के उत्तम स्वास्थ्य के साथ यश -कीर्ति की मंगलकामनाएं करता हूँ | हिंदी संस्थान में और राष्ट्र भाषा हिंदी के लिए कुछ और बड़ा स्मरणीय कार्य आपके द्वारा सम्पन्न हो |
प्रमुख कृतियाँ / सम्पादन
हिन्दी साहित्य :विविध परिदृश्य [2001]
राष्ट्रीय अस्मिता और हिंदी साहित्य [2008]
संस्कृति का कल्पतरु :कल्याण [सम्पादन 2004 ]
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल [सम्पादन 2005 ]
निर्मल वर्मा का रचना संसार [सम्पादन 2007 ]
सुमित्रानंदन पन्त [सम्पादन 2007 ]
अज्ञेय :सृजन के आयाम [सम्पादन 2012 ]
राष्ट्रीयता के अनन्य साधक :महंत अवैद्यनाथ [सम्पादन 2012 ]
संस्कृति -सम्वाद [सम्पादन 2015 ]
राष्ट्रसंत महंत अवैद्यनाथ [सम्पादन 2016 ]
समन्वय [अनियतकालीन ]पत्रिका का सम्पादन 2000 -2012 ]
वैचारिक स्वराज और हिंदी साहित्य [2017 ]
हिंदी साहित्य :विविध आयाम
सम्पर्क -ईमेल
guptasadanand52@gmail.com
प्रमुख कृतियाँ / सम्पादन
हिन्दी साहित्य :विविध परिदृश्य [2001]
राष्ट्रीय अस्मिता और हिंदी साहित्य [2008]
संस्कृति का कल्पतरु :कल्याण [सम्पादन 2004 ]
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल [सम्पादन 2005 ]
निर्मल वर्मा का रचना संसार [सम्पादन 2007 ]
सुमित्रानंदन पन्त [सम्पादन 2007 ]
अज्ञेय :सृजन के आयाम [सम्पादन 2012 ]
राष्ट्रीयता के अनन्य साधक :महंत अवैद्यनाथ [सम्पादन 2012 ]
संस्कृति -सम्वाद [सम्पादन 2015 ]
राष्ट्रसंत महंत अवैद्यनाथ [सम्पादन 2016 ]
समन्वय [अनियतकालीन ]पत्रिका का सम्पादन 2000 -2012 ]
वैचारिक स्वराज और हिंदी साहित्य [2017 ]
हिंदी साहित्य :विविध आयाम
सम्पर्क -ईमेल
guptasadanand52@gmail.com
सुंदर पोस्ट
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