चित्र -साभार गूगल |
एक गीत नववर्ष -बाग़ को चन्दन करे
धुन्ध को
फिर से पराजित
सूर्य का स्यन्दन करे |
अब अयोध्या
और सरयू
राम का वन्दन करे |
वर्ष नूतन
आ रहा तो
आचरण भी नव्य हो ,
देश के
उत्थान का
वातावरण भी भव्य हो ,
बेटियों को
हर पिता दे
मान -अभिनन्दन करे |
संस्कारित हो
नई पीढ़ी
सुशासन में पले ,
राह में सबकी
अकम्पित
ज्योति दीपक की जले ,
एक वासंती
परी हर
बाग़ को चन्दन करे |
बाँसुरी के
होंठ
वन्देमातरम का गीत हो ,
राष्ट्र का
वैभव बढ़े दुश्मन ,
हमारा मीत हो ,
हर असैनिक
और सैनिक
राष्ट्र का वन्दन करे |
माघ -मेला
और संगम
संत -जन का आगमन हो ,
विश्व मंगल
यज्ञ -आहुति
और सबका पुण्य -मन हो ,
शुभ्र गंगा
की लहर में
विहग स्पन्दन करे |
चित्र -साभार गूगल |
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